देहरादून: Amarnath Cloudburst शुक्रवार की शाम अमरनाथ (Amarnath Cloudburst) गुफा के पास बादल फटने की घटना ने जून 2013 केदारनाथ (Kedarnath) में आई आपदा की यादें ताजा कर दीं हैं। अमरनाथ में हुई घटना में कोई मिट्टी में दबा मिला, तो कोई पानी में बह गया। अभी तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं 48 के करीब श्रद्धालु लापता बताए जा रहे हैं। सेना सहित विभिन्न बचाव दल राहत कार्य में जुटे हुए हैं।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमरनाथ में हुई दुर्घटना (Amarnath Cloudburst) पर दुख व्यक्त की है। उन्होंने दिवंगत की आत्माओं की शांति की ईश्वर से कामना की। उन्होंने मृतकों के स्वजन को दुख की इस घड़ी में शक्ति प्रदान करने की भी कामना की। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से फोन पर वार्ता कर प्रभावित क्षेत्र में प्रभावितों को हर संभव मदद पहुंचाने का अनुरोध किया।
इस घटना ने 2013 में आई केदारनाथ आपदा (Kedarnath Disaster) की यादें ताजा कर दी हैं। तब 16-17 जून 2013 को आई आपदा में हजारों मौतें हुईं थीं। इस आपदा की दर्दनाक यादें आज नौ साल बाद भी लोगों के जेहन में हैं। इस कालखंड में केदारपुरी का स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है।
अब केदारनाथ धाम का स्वरूप पहले से ज्यादा भव्य और अद्भुत हो गया है। पहले के मुकाबले कई गुना अधिक उत्साह से तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों और केदारपुरी के दिव्य एवं भव्य स्वरूप को देखने आ रहे हैं। आइए 10 तस्वीरों में देखतें हैं तबाही के बाद अब कैसा दिखता है भगवान भोले का धाम…
16-17 जून 2013 को आई आपदा के बाद केदारनाथ में हुई तबाही का मंजर बेहद खौफनाक था। अमरनाथ की तरह यहां भी चौराबाड़ी झील में बादल फटने से भारी मलबा और विशाल बोल्डर ने तबाही ला दी थी। तब शांत केदार घाटी में अचानक मचे कोलाहल ने सबको चौंका दिया था। किसी ने सोचा नहीं था कि मंदाकिनी नदी विकराल रूप लेकर तबाही मचा देगी।
उस वक्त रास्ते में जो भी आया मंदाकिनी ने उसे चपेट में ले लिया। सैकड़ों घर, रेस्टोरेंट और हजारों लोग बह गए। जब इस जलप्रलय के बारे में पता लगा तो पूरा देश शोक में डूब गया।
केदारनाथ आपदा में 4700 तीर्थ यात्रियों के शव बरामद हुए, कई वर्षों लापता यात्रियों के कंकाल मिलने का सिलसिला जारी रहा। जबकि पांच हजार से अधिक लापता हो गए थे। हालांकि, इस त्रासदी में मरने वालों की सही संख्या को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए गए।
वर्तमान में प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत द्वितीय चरण के कार्य हो रहे हैं। जबकि, प्रथम चरण के कार्य लगभग 95 प्रतिशत पूरे हो चुके हैं।
धाम में पहले के मुकाबले अब तीर्थ यात्रियों को काफी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। केदारनाथ धाम के चारों ओर सुरक्षा की दृष्टि से त्रिस्तरीय सुरक्षा दीवार बनाई गई है। मंदाकिनी व सरस्वती नदी में बाढ़ सुरक्षा कार्य किए गए हैं।
वर्तमान में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत धाम में हुए कार्य
मंदिर के पीछे 390 मीटर सुरक्षा दीवार का निर्माण
मंदाकिनी व सरस्वती नदी पर घाट व चबूतरे का निर्माण
मंदिर परिसर का चौड़ीकरण कार्य
मंदिर के सामने 200 मीटर लंबा रास्ता बनाया गया
400 मीटर लंबे आस्था पथ का निर्माण
तीर्थ पुरोहितों के लिए घरों का निर्माण
धाम में यात्रियों के रहने के लिए काटेज का निर्माण
धाम में अत्याधुनिक सुविधायुक्त स्वास्थ्य सेवाएं शुरू
आदि शंकराचार्य की समाधि का निर्माण
गरुड़चट्टी को केदारनाथ से जोड़ा गया
गरुड़चट्टी से भीमबली तक पैदल रास्ते का निर्माण
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