Uttarkashi tunnel collapse : 13वें दिन जिंदगी की उम्मीद के साथ बेचैनी और इंतजार

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Uttarkashi tunnel collapse

उत्तरकाशी। Uttarkashi tunnel collapse : गुरुवार को उत्तरकाशी टनल हादसे में खोज बचाव अभियान का 12वां दिन जिंदगी की उम्मीद के साथ बेचैनी और इंतजार में गुजरी। आज 13वें दिन उगते सूरज के साथ ही खराब मशीनों को ठीक करने का काम किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि गुरुवार को बंद हुआ अभियान एक बार फिर से जल्द ही शुरू हो जाएगा। इस दौरान खोज बचाव टीम का नेतृत्व करने वाले अधिकारियों के चेहरों पर भी अभियान को सफल बनाने को लेकर चिंताएं दिखी। दोपहर के समय वीआईपी दौरे और शाम को बौखनाग देवता की डोली पहुंची तो इस बीच गहमागहमी का माहौल दिखा।

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ग्रामीण की टकटकी सिर्फ सुरंग के मुहाने पर

सुरंग के निकट मीडिया गैलरी से लेकर खेत व सड़क के किनारे से, होटल और घर की छत में बैठकर आशा भारी निगाह से ग्रामीण की टकटकी सिर्फ सुरंग के मुहाने पर ही लगी रही। बुधवार की रात को उम्मीद थी कि खोज बचाव अभियान सफल हो जाएगा। इसी इंतजार में स्वजन, खोज बचाव में जुटे कर्मियों से लेकर मीडिया वाले जागे रहे।

अपनों के इंतजार में परिवार

इंद्रजीत कहते हैं कि बुधवार को उन्हें खबर मिली थी की एस्केप टनल पूरी बनने वाली है। इस सूचना से घर में उत्साह का माहौल बना। आज मन में घबराहट भी है कि कहीं उत्साह को नजर न लग जाए और खोज बचाव अभियान में कहीं कोई लंबा अवरोध न बन जाए। इसी तरह से अन्य स्वजन के चेहरों पर बेचैनी और आंखों में इंतजारी दिखी। हर किसी की नजर सुरंग के मुहाने पर टिकी रही।

टीम ने बना रखा है हौसला

सुरक्षा कर्मियों, खबरनवीशों और आमजन दिन भर इसी इंतजार में रहे कि कब सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिक बाहर आएं। सुरंग के निकट होटल व घरों की छत में बैठी ग्रामीण महिलाएं भी स्थानीय बौखनाग देवता से प्रार्थना करते रहे कि जल्द से जल्द सुरंग में कैद श्रमिक सकुशल बाहर आए। खोज बचाव अभियान में जुटे तमाम एजेंसियों के कर्मियों के चेहरों पर वह खुशी तो नहीं थी जो बुधवार को दिखी, लेकिन टीम का हौसला बरकरार दिखा।

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