राज्य सरकार उठाएगी प्रवासियों का रेल किराये का खर्चा:मुख्य सचिव

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मुख्य सचिव ने बुधवार प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा ,एक साथ इकट्ठा सबको नहीं लाया जा सकता है। क्योंकि इसमें  स्वास्थ्य जांच, गाड़ियों की व्यवस्था, रूकने की व्यवस्था आदि बातो का ध्यान रखना पड़ता है। सरकार इस काम में दिन रात लगी है। पूरा काम प्लानिंग के साथ कर रही है । हरियाणा से करीब 1500 लोगों को अपनी गाड़ियों से आने की परमिशन दी गई है। यहां रोडवेज की बसें भी भेजी जाएंगी। उदयपुर और जम्मू से 400-400 लोगों को लाने की व्यवस्था की जा रही है। गुजरात व महाराष्ट्र सरकार को भी सूचना दी गई है कि सूरत, अहमदाबाद व पुणे से लोगों को ट्रेन से लाया जाना है।
राज्य सरकार की  रेल मंत्रालय से बात हो चुकी है। दूसरे राज्यों को भी रेल मंत्रालय से बात करनी पड़ेगी। ट्रैन से आने का खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। तो वही दक्षिण से केरल के दो शहरों में करीब 1000 प्रदेशवासियों को लाया जायेगा।
भारत सरकार  विदेशों से भारतीय नागरिकों को लाने  का इंतज़ाम कर रही  है। इनमें राज्य के लोग होने पर विदेश मंत्रालय हमें अवगत कराया जाएगा। इसके लिए हमने एसओपी तैयार कर ली है।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा  की देश के अलग-अलग राज्यों से काफी संख्या में लोग घर वापसी कर चुके हैं करीब 6000 लोगों को प्रदेश में लाया जा चुका है, तो वही अपने गृह जिले में जाने वाले 7 हज़ार लोगों को घर भेजा गया है। 35 हज़ार लोग दूसरे राज्यों के हैं जिन्हें जल्द ही उनके राज्य भेजा जाएगा।
इस दौरान सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कंटेनमेंट जोन और रेड जोन में रहने वाले कई उत्तराखंड के नागरिक है  जिनके लिये जल्द ही कोई ना कोई रास्ता निकाला जाएगा।मंगलवार को 806 लोगों को कि घर वापसी की गई है, जो चमोली रुद्रप्रयाग उत्तरकाशी जिले के है

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