आयकर विभाग ने गुप्ता बंधु के ठिकाने पर मारा छापा

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मंगलवार को गुप्ता बंधु (अतुल गुप्ता, अजय गुप्ता व राजेश गुप्ता) के दून स्थित ठिकाने पर आयकर विभाग ने छापेमारी की। सुबह से देर रात तक जारी छापे की कार्रवाई में आयकर टीम को करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन के प्रमाण हाथ लगे। इसमें करीब 25 करोड़ रुपये का एक ट्रांजेक्शन ऐसा पाया गया, जिसे सहारनपुर में शिव मंदिर के नाम पर डोनेशन के रूप में दिखाया गया है। इसके अलावा गुप्ता बंधु के परिजनों के करोड़ों रुपये के खर्चों व अन्य लेन-देन के रिकॉर्ड भी बंगले से मिले हैं। आयकर अधिकारियों ने सभी दस्तावेजों को जब्त कर उनकी जांच शुरू कर दी है। गुप्ता बंधु के सहारनपुर और दिल्ली स्थित ठिकानों पर भी आयकर की टीमें छोपमारी कर रही हैं।

25 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के मिले प्रमाण

मंगलवार सुबह छापे की कार्रवाई आयकर की इन्वेस्टिगेशन विंग के प्रधान निदेशक अमरेंद्र कुमार के निर्देश पर उप निदेशक एसएन ठाकर के नेतृत्व में की गई। उस समय बंगले में गुप्ता बंधु के एक रिश्तेदार दंपती समेत करीब 20 नौकर मौजूद थे। कार्रवाई के दौरान टीम को संजय ग्रोवर के नाम पर 25 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के प्रमाण मिले। वर्ष 2015 में यही राशि लोन के रूप में, जबकि वर्ष 2016 को इसी राशि को डोनेशन के रूप में दिखाया गया।

यह राशि सहारनपुर में अंबाला रोड स्थित बाबा लाल दास जी का बाड़ा में शिव धाम के निर्माण के नाम पर दी गई थी। आयकर अधिकारियों ने संजय ग्रोवर के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि वह गुप्ता बंधु का नौकर था और अब उसकी मृत्यु हो चुकी है। लिहाजा, इस ट्रांजेक्शन को संदेह की नजर से देखा जा रहा है।

आयकर अधिकारियों ने और रिकॉर्ड जांचे तो गुप्ता बंधुओं की मां अंगूरी देवी समेत अन्य कई परिजनों के 20 करोड़ रुपये से अधिक के खर्चों व लेन-देन के रिकॉर्ड भी मिले। इनमें करीब 3.5 करोड़ रुपये की ज्वेलरी की खरीद भी शामिल है।

प्रधान निदेशक अमरेंद्र कुमार के मुताबिक, सहारनपुर में मंदिर का निर्माण करीब 100 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है, लिहाजा यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि यह राशि किन स्रोतों से जुटाई जा रही है। गुप्ता बंधु के ठिकाने से जो भी रिकॉर्ड मिले हैं, उसकी पड़ताल शुरू कर दी गई है। ताकि पता किया जा सके कि इस लेन-देन के तार कहां तक हैं और किस रूप में इनका प्रयोग किया गया है।

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