देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों सियासत गरमाई हुई है। रुड़की के खानपुर विधायक चैंपियन के विवाद के बाद आजकल उत्तराखंड की राजनीति में वन मंत्री हरक सिंह रावत सुर्खियों में आ गए है। पहले तो वन मंत्री हरक सिंह रावत वन अधिकारियों द्वारा उनको बाईपास कर विदेश दौरे को लेकर नाराज थे,फिर लालढांग-चिलरखाल हिस्से का निर्माण कार्य को रोका जाने को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई है।
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पिछले 28 सालों के राजनीतिक कॅरियर में कभी….
हरक सिंह रावत के बार-बार सुर्खियों में आने की वजह से शुक्रवार को प्रदेश सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया। इस पूरे मामले को लेकर हरक सिंह रावत ने सूबे के मुखिया से फोन पर संपर्क किया। जिसमें उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को अपनी व्यथा सुनाई। हरक सिंह रावत ने कहा कि जो हुआ वह गलत हुआ है। मैं बहुत दुखी हूं। इतना दुखी पिछले 28 सालों के राजनीतिक कॅरियर में कभी नहीं हुआ। हमारी मंशा राज्य का विकास है। जनता की सुविधाओं का ख्याल रखना है। लालढांग-चिलरखाल मार्ग के संबंध में कोई मुझसे पूछता तो मैं बताता। मुझे विश्वास में लिया जाना चाहिए था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लालढांग-चिलरखाल हिस्से का निर्माण कार्य मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार है। लेकिन जिस तरह से नौकरशाही इसे लेकर खेल खेल रही है, वह ठीक नहीं है।
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अपर मुख्य सचिव एक डीएफओ के कहने पर सड़क का काम….
हरक सिंह रावत ने सीएम से सवाल किया कि अपर मुख्य सचिव एक डीएफओ के कहने पर सड़क का काम कैसे रुकवा सकते हैं। रावत ने बताया कि 23 मई के बाद वह सभी साक्ष्यों के साथ इस मसले पर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। उधर, इस प्रकरण के सुर्खियां बनने के बाद प्रमुख सचिव वन ने लालढांग-चिलरखाल मार्ग के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। वन मंत्री डॉ.रावत की पहल पर पूर्व में 11 किमी लंबे लालढांग-चिलरखाल मार्ग के लिए वन भूमि लोनिवि को हस्तांतरित की गई थी। इसके बाद लोनिवि ने इस पर तीन पुलों के साथ ही सड़क की पेंटिंग का कार्य शुरू करा दिया। वर्तमान में वहां पुलों का निर्माण कार्य चल रहा था।