इस बार 23 अगस्त शुक्रवार को अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र से युक्त अत्यंत पुण्यकारक जयंती योग में मनाया जाएगा। वही वैष्णव संप्रदाय व साधु संतो की कृष्णाष्टमी 24 अगस्त दिन शनिवार को उदया तिथि अष्टमी एवं औदयिक रोहिणी नक्षत्र से युक्त सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग में मनाई जाएगी।
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जानिए जन्माष्टमी की पूजा विधि…
- स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- अब घर के मंदिर में कृष्ण जी या लड्डू गोपाल की मूर्ति को सबसे पहले गंगा जल से स्नान कराएं।
- इसके बाद मूर्ति को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और केसर के घोल से स्नान कराएं।
- अब शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- इसके बाद लड्डू गोपाल को सुंदर वस्त्र पहनाएं और उनका श्रृंगार करें।
- रात 12 बजे भोग लगाकर लड्डू गोपाल की पूजन करें और फिर आरती करें।
- अब घर के सभी सदस्यों में प्रसाद का वितरण करें।
- अगर आप व्रत कर रहे हैं तो दूसरे दिन नवमी को व्रत का पारण करें।