कोडनेम ‘हिमविजय’ के नाम से एक युद्धाभ्यास के तहत अरुणाचल प्रदेश में बनी नई 17 माउंटेन स्ट्राइक कोर की युद्ध लड़ने की क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा। इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना (IAF) भी शामिल होगी, जो युद्ध जैसे हालातों में ड्रिल की तहत उनकी मदद करेगा।
वायुसेना का ‘चिनूक’ हेलिकॉप्टर होगा तैनात
सेना के वरिष्ठ सूत्रों ने एएनआई को बताया, ‘हिमविजय’ के अभ्यास के दौरान, 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को M777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर तोपें दी जाएंगी, क्योंकि वे दुश्मन के इलाकों में उनके खिलाफ एक्शन मोड में होंगे और उन्हें हल्का बंदूकों की आवश्यकता होगी।’हाल ही में भारतीय सेना में शामिल एक और खतरनाक अमेरिकी हथियार चिनूक हेलिकॉप्टर भी इस युद्धाभ्यास में शामिल होगा।चिनूक हेलिकॉप्टरों को 25 मार्च 2019 को चंडीगढ़ एयरबेस पर वायुसेना में शामिल किया गया था।
पूर्वी सीमा पर तैनाती की तैयारी
सेना के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि चिनूक को अभी तक वायुसेना ने पूर्वोतर की सीमा पर तैनात नहीं किया है, लेकिन आने वाले समय में वायुसेना कभी भी इस इलाके में चिनूक की तैनाती कर सकती है।इसलिए उन्हें युद्ध के दौरान हेलीकॉप्टरों का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है। सेना की पूर्वी कमान पिछले छह महीनों से ऑपरेशन हिमविजय की योजना पर काम कर रही है। ये ऑपरेशन पानागढ़ स्थित 17 स्ट्राइक कोर और तेजपुर स्थित 4 कोर द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
जानिए कितनी खतरनाक हैैं M777 हॉवित्जर तोपें
M777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर को नासिक के पास देओली में K-9 वज्र और धनुष हॉवित्ज़र के साथ भारतीय सेना में शामिल किया गया था।भारतीय सेना कुल 145 M777 हॉवित्जर को शामिल करने वाली है।M777 हॉवित्जर का उपयोग मुख्य रूप से पहाड़ी इलाकों में युद्ध के लिए किया जाता है, क्योंकि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चिनूक हैवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टरों द्वारा अपने हल्के और क्षमता वाले हवाई जहाजों को चलाने की क्षमता होती है।