West Bengal : बंगाल में नौकरी खोने वाले शिक्षकों के लिए कानूनी सेल बनाएगी भाजपा

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West Bengal :  शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के बर्धमान-दुर्गापुर में प्रधानमंत्री मोदी ने एक रैली को संबोधित किया। इस रैली में संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल भाजपा एक अलग कानूनी सेल बनाएगी, जो उन वास्तविक शिक्षकों को कानूनी मदद देगी, जिनकी नौकरी स्कूल सर्विस आयोग के घोटाले में चली गई है।

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भाजपा ईमानदार उम्मीदवारों को मदद मुहैया कराएगी – पीएम

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘बंगाल (West Bengal) में टीएमसी ने स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में घोटाला किया, जो बेहद शर्मनाक है। इस घोटाले की वजह से कई योग्य और असल उम्मीदवारों को भी परेशानी उठानी पड़ी। मैंने भाजपा की बंगाल यूनिट से कहा है कि वे पार्टी की तरफ से एक अलग कानूनी सेल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बनाएं, जिससे योग्य शिक्षकों को मदद मिल सके।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘भाजपा ईमानदार उम्मीदवारों को मदद मुहैया कराएगी और उनकी लड़ाई लड़ेगी। यह मोदी की गारंटी है।’

हाईकोर्ट ने रद्द कर दी थी भर्ती प्रक्रिया

राज्य स्तरीय चुनाव टेस्ट-2016 (SLST) की चयन प्रक्रिया को गलत ठहराते हुए उसे खत्म करने का कलकत्ता हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। जिसके तहत 26 हजार लोगों की नौकरी चली गई। साथ ही हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का आदेश दिया है। टीएमसी के नेता कुणाल घोष ने खुलासा किया है कि पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले के बारे में पार्टी के कई बड़े नेताओं को पहले से पता था।

भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप

एसएससी के जरिए साल 2014 में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी। तब पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। साल 2016 में इसकी भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। हालांकि कई आवेदकों ने भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाया और हाईकोर्ट में याचिका दायर की। मई 2022 में इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई ने इस घोटाले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था।

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