कश्मीर: सेना पर ड्रोन से हमला कर सकते है आतंकी,ये है पाक का नापाक प्लान

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क्विंट के अंग्रेजी संस्करण के वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कोल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि. पाकिस्तान में ट्रैस किये 150 आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने के लिए पीओके के लॉन्च पैड तक पहुँच गए हैं, भारतीय खुफिया एजेंसी को एक इनपुट मिला है कि हंदवाड़ा में 2 आतंकवादियों की मौत और 5 जवानो की शहादत के बाद पाकिस्तान में एक रिसेप्शन पार्टी चली।
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह का कहना है कि, “150 से अधिक पाक आतंकवादी भारत में घुसपैठ के लिए सीमा पार लॉन्च पैड पर तैयार बैठे हैं।”
“इससे पहले, 5 अप्रैल को, कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में पांच खूंखार आतंकवादी मारे गए थे, जो 3 दिन तक चला था। हमारी सेना और सुरक्षा बल कड़ी निगरानी रख रहे हैं, हालांकि नियंत्रण रेखा पर केरन और अन्य क्षेत्रों से घुसपैठ की बेताब कोशिशें की जा रही हैं”।
हंदवाड़ा में दो आंतकी हमले में भारतीय सेना के 8 जवान मारे गए थे।इन घटनाओ ने  सिक्योरिटी एजेंसी को घाटी में आतंकवादियों  की संख्या का आकलन करने में बाध्य कर दिया है
पाकिस्तान कश्मीर के दूसरे इलाकों में भी आतंकी गतिविधियां बढ़ाने के फिराक में है, वह अब उत्तर कश्मीर पर फोकस कर रहा है,जबकि साउथ कश्मीर पहले सी ही आतंकियों का गढ़ बना हुआ है।
गर्मीयो की शुरुआत से ही , पाकिस्तान एलओसी से पुंछ, उरी, कर्नाह में घुसपैठ तो करा रहा है वही अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटे जम्मू के सांबा और कठुआ इलाको को भी घुसपैठ के लिए इस्तेमाल कर रहा है  ।हालांकि अधिकारी इस समय कश्मीर में स्थानीय और विदेशी आतंकवादियों के सटीक संख्या बताने से बच रहे है ।  लेकिन दिल्ली में बैठे देश की सुरक्षा का खाका तैयार करने वाले सूत्रो ने बताया है कि कश्मीर में स्थिति काफी चिंताजनक है’।
ड्रोन से हमला कर सकते हैं आतंकी
PoK में रमजान से दो दिन पहले हुई एक खुफिया बैठक के बारे में एक इंटेलिजेंस नोट एक्सेस किया गया है, जहां लश्कर-ए-तैय्यबा ने ड्रोन का इस्तेमाल कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन कैडर के लिए करने का फैसला लिया था।
‘यह ड्रोन controller से 3 किलोमीटर की दूरी तक 5kgs IED ले जाने में सक्षम होगा, और controller इसे नीचे लाने और इसे विस्फोट करने में सक्षम होगा, ”
बैठक में हिजबुल के नायब अमीर के अलावा ज़की-उर-रहमान, हमजा अदनान, मोसा भाई, सैयद सलाहुद्दीन, खालिद सैफुल्ला साहिब, ताहिर एजाज साहब आये थे,जिन्होंने फैसला किया कि जल्द से जल्द घाटी कैडर को ड्रोन मुहैया कराया जाएगा।
पाकिस्तान के लिए करो या मरो की स्थिति’
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद 9 महीने पूरे हो गए है लेकिन पाकिस्तान सरकार, उसकी सेना और यहां तक ​​कि आतंकी गुट जम्मू और कश्मीर में एकतरफा संवैधानिक परिवर्तनों पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन नही मिलने और नई दिल्ली पर दबाव बनाने में विफल साबित होने के बाद काफी दबाव में है।
आदित्य राज कॉल के अपने रिपोर्ट  में बताया कि नई दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष संकेत दिया है कि कश्मीर में 2020 की गर्मिया पाकिस्तान के लिए “करो या मरो” की स्थिति जैसा है। “पाकिस्तान किसी भी हाल में इस गर्मी को जाने नहीं दे सकता है।”
पाकिस्तानी आतंकवादियों के लिए, यह भारत में घुसपैठ करने का सबसे सही और बेहतरीन समय है”
“पंजाब और जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के माध्यम से पिछले कई महीनों से घुसपैठ के वैकल्पिक मार्गों का उपयोग किया गया है।इसके  बावजूद उसे भारी उपकरणों और गोला-बारूद के लिए, जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) का ही इस्तेमाल करना पड़ता है, क्योंकि कई ट्रक पंजाब और जम्मू की और से चल नही पा रहे हैं,
कश्मीर में 15 वीं कोर के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सतीश दुआ बताते हैं। “पाक आतंकवादियों के लिए, इस समय भारत में घुसपैठ करने का सबसे बेहतर समय है। धीरे धीरे बर्फ पिघलनी शुरू हो गई है, और फेंसिंग कई जगह में टूट गई है। पाकिस्तान इस समय इसका भरपूर उपयोग करना चाहता है । ताकि घुसपैठ के लिए उसे कठिनाई ना हो जैसी सर्दियों में होती है
लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ’ ने क्विंट को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘हमेशा से पाकिस्तान की यही मंशा रही है वो आतंकवाद फैलाना बंद नही कर सकता। । ये सोचना गलत होगा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण वे आतंकवाद को रोकने में पीछे हटेंगे । इसके बजाय वे लॉकडाउन का जमकर लाभ उठाने की कोशिश करेंगे । क्योंकि वे धारा 370 के सम्माप्त होने के महीनों बाद कश्मीर में कुछ बड़ा आतंकवादी हमला करने के लिए दबाव में हैं’।
पाकिस्तान ने लश्कर का रिब्रान्डिंग कर दिया है ‘द’ रेजिस्टेंस फ़ोर्स’ से
एफएटीएफ को लेकर भी पाकिस्तान परेशान है क्योंकि उसे अभी भी ग्रे लिस्ट से छूट नही मिली है । जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह बताते हैं अब FTF की नजरों से बचने के लिये पाकिस्तान ने नया पेतरा अपनाया है। अन्य आतंकी संगठनों के समर्थन से लश्कर-ए-तैय्यबा ने  अपना नाम टीआरएफ के रूप में बदल दिया है, ताकि इसे एक स्वदेशी टेररिस्ट ग्रुप साबित किया जाए । पाकिस्तान ने उसे नया आतंकी संगठन (JRL) जैसा बनाया है जिसका कभी नेतृव सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक किया करते थे अब एक नया द रेसिस्टेंस फ्रंट है,
उनमे और आंतकियो के इस नए फ्रंट में अंतर है कि वे बिना हथियारों के थे, और ये हथियारों के साथ काम कर रहा है
अपने सोशल मीडिया के अकाउंट में  ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’, आतंकी संगठन ने दावा किया है कि हालहि में कश्मीर में आतंकी वारदात बढ़ी है उसे उसी ने अंजाम दिया है,और धमकी दी है कि आने वाले दिनों में ऐसा और हमले करेगा।
स्थानीय स्तर पर आतंकी भर्ती में अभी तक गिरावट देखने को नही मिली है, लेकिन अधिकांश विश्लेषकों का मानना ​​है कि TRF का संचाल रावलपिंडी से किया जा रहा है
जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा “हमने उन्हें पिछले साल बेअसर कर दिया, हम इसे फिर से करेंगे”
लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ कहते हैं। “आतंकी संगठनों ने बड़ी चालाकी से खुद को फिर से कश्मीर में संगठित करने में कामयाब हुए है। दरअसल इस नए आतंकी संगठन बनाने के पीछे किसी 23 वर्षीय लड़के का दिमाग नही हो सकता है इसके के पीछे आईएसआई का हाथ है । वे सभी आतंकी समूहों को एक साथ ला रहे हैं जिसके लिए वे ऑनलाइन का इस्तेमाल कर रहे है ।  पाकिस्तन का ये नया दाव उसके लिये  एफएटीएफ में भी मदद करेगा, क्योंकि टीआरएफ का नाम संयुक्त राष्ट्र आतंकवादी समूहों की लिस्ट में सूचीबद्ध नहीं है, और उन्हें इस सूची में लाने के लिये भारत को डेढ़ साल से अधिक समय लग सकता है, ”
कश्मीर में पिछले एक महीने में 28 आतंकवादियों के मारे जाने और हाल ही में  सुरक्षा बलों पर आतंकी हमलों की संख्या में वृद्धि देखी गई  है जिससे हमारे सैनिक भी मारे गए और इसी से पूरा देश गुस्से में है ,

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