नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को साफ तौर पर कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को बकाया एजीआर (AGR) का भुगतान करना होगा और अब इस मुद्दे पर किसी भी तरह की आपत्ति पर किसी तरह की सुनवाई नहीं की जाएगी। शीर्ष न्यायालय ने कोर्ट की अनुमति के बिना टेलीकॉम कंपनियों द्वारा बकाया राशि के खुद से किए गए आकलन को लेकर भी सॉलिसिटर जनरल से सवाल किए। शीर्ष न्यायालय ने इसे अदालत की अवमानना करार दिया। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि टेलीकॉम कंपनियां पिछले 20 साल से लोगों के पैसे नहीं चुका रही हैं और अब मीडिया के जरिए लोगों की राय को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं।
शीर्ष न्यायालय ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए कहा कि AGR की बकाया राशि को लेकर कोर्ट के खिलाफ किसी तरह की फर्जी खबर के प्रकाशन पर वह टेलीकॉम कंपनियों के प्रबंध निदेशकों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करेगा। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस ए नजीर और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने ने कहा कि एजीआर की बकाया राशि के खुद से आकलन के जरिए टेलीकॉम कंपनियां गंभीर धोखाधड़ी कर रही हैं।
हमारे फैसले का करना होगा अक्षरशः पालन
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एजीआर की बकाया राशि को लेकर कोर्ट का फैसला पूर्ण और अंतिम है और इसका अक्षरशः पालन होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई के दिन अखबारों में एजीआर बकाया को लेकर आलेखों के प्रकाशन से न्यायलय प्रभावित नहीं होंगे। SC ने कहा कि कंपनियों को एजीआर बकाया राशि के खुद से आकलन की अनुमति देने के लिए वह दूरसंचार सचिव और अन्य डेस्क ऑफिसर्स को सम्मन कर सकता है।
अदालत ने टेलीकॉम कंपनियों को 20 साल में एजीआर बकाये की राशि चुकाने की अनुमति देने के केंद्र की याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि इसे दो सप्ताह लिस्ट किया जाएगा।
Vodafone-Idea के शेयर 34% लुढ़के
Supreme Court के आज के आदेश के बाद टेलीकॉम कंपनी Vodafone Idea के एक शेयर की कीमत दोपहर 12:59 बजे 34.02% लुढ़ककर 3.20 रुपये की दर पर पहुंच गया। वहीं, Bharti Airtel का शेयर दोपहर 01:09 बजे 3.71% लुढ़ककर 437.85 रुपये पर पहुंच गया।
इन बैंकों पर है कंपनी का इतना बकाया
CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक Vodafone Idea पर IDFC Bank का 3,240 करोड़ रुपये, ICICI Bank का 1,700 करोड़ रुपये, Axis Bank का 1, 300 करोड़ रुपये, HDFC Bank का 1,000 करोड़ रुपये का बकाया है।