SC ने कहा- सेना में महिला अधिकारियों से कमांड लेने में पूरी तरह सहज नहीं पुरुष जवान

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्तियों में भेदभाव को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि सेना में पुरुष जवान अभी भी महिला अधिकारियों से कमांड लेने में पूरी तरह से सहज नहीं है।

केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट किया गया कि उनका किसी भी तरह से यह मतलब नहीं है कि पुरुष महिलाओं से कमांड नहीं ले सकते। टिप्पणी में आगे कहा गया कि महिलाओं को पुरुषों के बराबर होने का प्रयास नहीं करना चाहिए, वास्तव में वो पुरुषों से ऊपर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सरकार को इसे लागू करते देखना चाहते हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह सेना के संदर्भ में सुनवाई करेंगे। वायु सेना और नौसेना के लिए दलीलें अगले सप्ताह सुनी जाएंगी।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की बातों पर सहमति जताते हुए कहा कि दलीलें रिपोर्ट की तुलना में अधिक बारीक और प्रासंगिक थीं।

SC का कहना है कि अगर सरकार की ओर से इच्छाशक्ति और मानसिकता में बदलाव होता है, तो महिला अधिकारियों को सेना में कमान के पद दिए जा सकते हैं, क्योंकि लड़ाकू अभियानों के अलावा कई अन्य सेवाएं हैं, जहां महिलाओं को तैनात किया जा सकता है।

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