चंडीगढ़: देशभर में लोकसभा चुनाव भले ही समाप्त हो गए हो लेकिन पंजाब में पार्टी के नेताओं के बीच तकरार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार का जिम्मेदार मुख्यमंत्री कैप्टन अरमिंदर सिहं ने कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को ठहराया था। जिसके बाद दोनों के बीच तकरार और ज्यादा बढ़ गई थी। नवजोत सिंह सिद्धू के विभाग बदलने के बाद मुख्यमंत्री अरमिंदर सिहं ने उन्हें एक और झटका दिया है।
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बता दें कि सीएम ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा और इनमें जरूरी बदलाव करने के लिए कैबिनेट की आठ सलाहकार कमेटियां बनाई हैैं। लेकिन हैरानी करने वाली बात ये थी कि सीएम की इस आठ कमेटियों में नवजोत सिंह सिद्धू का नाम कहीं भी नहीं है। इस तरह अपने खिलाफ बयानबाजी कर रहे सिद्धू को कैप्टन ने जाेर का झटका देते हुए किनारा लगा दिया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ओपी सोनी को भी किसी कमेटी में जगह नहीं दी गई है।
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स्थानीय निकाय विभाग से सिद्धू को हटाए जाने के बाद शहरों की कायाकल्प और प्रोग्रामों में सुधार लाने की कमान खुद मुख्यमंत्री ने संभाल ली है। इस कमेटी के वह चेयरमैन होंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले वीरवार को कैप्टन ने सिद्धू का विभाग बदल दिया था और स्थानीय निकाय विभाग वापस लेकर उन्हें ऊर्जा विभाग दे दिया था। इसके बाद अब सिद्धू को दूसरा झटका लगा है।