Jahangirpuri Case: जहांगीरपुरी में अतिक्रमण पर अभी नहीं चलेगा बुलडोजर

0

नई दिल्ली। Jahangirpuri Case: दिल्ली के जहांगीरपुरी में अतिक्रमण के खिलाफ एमसीडी की कार्रवाई पर लगी रोक फिलहाल बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक सुनवाई के दौरान यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इसके अलावा अदालत ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को नोटिस भेजा है। अदालत ने एमसीडी को जवाब देने को कहा है। मामले में अब दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी।

Uttarakhand Coronavirus Update: उत्‍तराखंड में आज सामने आए कोरोना के सात मामले

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के वकीलों और सालिसिटर जनरल की तरफ से दलीलें पेश की गई। याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि यह मामला संवैधानिक और राष्ट्रीय महत्व के दूरगामी प्रश्न उठाता है। यह मामला जहांगीरपुरी (Jahangirpuri Case) तक सीमित नहीं है, अगर इसकी अनुमति दी गई तो कानून का राज नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि पुलिस और नागरिक प्राधिकरण संविधान से बंधे हैं न कि किसी भाजपा नेता द्वारा लिखे गए पत्रों से, यह एक दुखद स्थिति है।

समुदाय विशेष के खिलाफ चल रहा अभियान: कपिल सिब्बल

वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अतिक्रमण एक गंभीर मुद्दा है लेकिन एक विशेष समुदाय के खिलाफ अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। इस तरह के मामले अन्य राज्यों में भी हो रहे हैं। सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसके जवाब में कहा, ‘दोनों दलीलें जमीयत उलमा-ए-हिंद की हैं। किसी एक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप गलत हैं।’

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में जहांगीरपुरी में अतिक्रमण ढहाने के मामले में यथास्थिति कायम रखने के आदेश को जारी रखा। कोर्ट ने डिमोलिशन के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर नोटिस जारी करते हुए केस को 2 सप्ताह बाद फिर सुनवाई पर लगाने का दिया आदेश।

बुधवार को अतिक्रमण पर चला था बुलडोजर

बता दें कि जहांगीरपुरी (Jahangirpuri Case) में अतिक्रमण पर बुधवार को कुछ घंटे के लिए बुलडोजर चला था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान को रोक दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इलाके में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश के बावजूद एमसीडी की कार्रवाई नहीं रुके। सुप्रीम कोर्ट के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के बाद भी एमसीडी का बुलडोजर चलता रहा। सुप्रीम कोर्ट का आदेश दोबारा संबंधित अधिकारियों के पास पहुंचा, जिसके बाद कार्रवाई रुकी।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दाखिल की है याचिका

बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका दाखिल की है। याचिका में दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों में संपत्तियों पर कार्रवाई का जिक्र किया गया है। याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे ने एमसीडी के कदम को असंवैधानिक और गैर कानूनी बताया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कार्रवाई के लिए कम से कम 10 दिनों का नोटिस दिया जाना चाहिए।

CM Dhami Champawat tour: 21 अप्रैल को सीएम गुरु गोरखनाथ धाम के करेंगे दर्शन

LEAVE A REPLY