कुछ इस तरह न्यायाधीश ने पेश की मानवता की मिसाल…

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गुजरात : कौन कहता है कि मानवता मर चुकी है। आज के ज़माने में भी ऐसे कई लोग है जो मानवता की मिसाल पेश करते है। ऐसी ही एक मिसाल पेश की है गुजरात की एक महिला न्यायाधीश ने।

नवजात बच्ची को न सिर्फ स्तनपान कराया बल्कि…

आणंद के जिला विकास अधिकारी अमित प्रकाश यादव और उनकी न्यायाधीश पत्नी चित्रा यादव ने जन्म लेते ही मां का साया खोने वाली नवजात बच्ची को न सिर्फ स्तनपान कराया बल्कि दंपती ने मिलकर उसे गोद भी ले लिया। दोनों ने नवजात के उज्ज्वल भविष्य की जिम्मेदारी उठाने का फैसला मिलकर किया।

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तीसरी बेटी का पालन-पोषण कैसे होगा?…

गौरतलब है कि आणंद के पास स्थित वासद गांव के आरोग्य केंद्र अस्पताल में एक महिला ने अपनी तीसरी बेटी को जन्म देने के बाद दम तोड़ दिया था। नवजात अपनी मां का स्तनपान भी नहीं कर पाई थी। बच्ची की मां की मौत के बाद बच्ची के पिता दुखी थे। उनको इस बात की चिंता सताने लगी कि दो बेटी पहले से हैं और अब तीसरी बेटी का पालन-पोषण कैसे होगा? वो अपनी नवजात बच्ची के भविष्य को लेकर चिंतित थे।

बच्ची को अब पूरा परिवार मिल गया…

यह बात जब आणंद के जिला विकास अधिकारी की सीजेएम पत्नी को पता चली तो उन्होंने नन्ही जान को न सिर्फ स्तनपान कराया बल्कि दंपती ने मिलकर उसे गोद भी ले लिया। 3 अगस्त को जन्म के तुरंत बाद ही अपनी मां को खोने वाली बच्ची को अब पूरा परिवार मिल गया है और एक भाई भी।

आपसी सहमति से बच्ची को गोद लेने का फैसला…

डीडीओ अमित ने आगे बताया कि हमने बच्ची के पिता और परिवार से बात की और आपसी सहमति से बच्ची को गोद लेने का फैसला किया। गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया पूरी हो गई है। गौरतलब है कि दंपती का डेढ़ साल का एक बच्चा भी है जिसका जन्म सरसा सीएचसी में हुआ था। दंपती ने प्राइवेट अस्पताल की जगह अपने पहले बच्चे की डिलिवरी सीएचसी में कराने का फैसला किया। अमित कहते हैं कि अब मेरा परिवार पूरा हो गया। इस वक्त हमारा पूरा ध्यान बच्ची और उसके वजन पर है जिसमें धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।