3 दिन में कैश की दिक्कत होगी दूरः अरूण जेटली

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देश के लोगों को एक बार फिर नोटबंदी के दिनों की याद आ गई है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, गुजरात समेत देश के कई राज्य कैश संकट से जूझ रहे हैं। इन राज्यों में लोग कैश को लेकर बैंक और एटीएम के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें निराश होकर घर लौटना पड़ रहा है। एटीएम में नो कैश के बोर्ड लटके हुए हैं, तो वहीं बैंक भी लोगों को ज्यादा कैश नहीं दे रहा है।

इसे लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि हमने देश में करेंसी की समीक्षा की है और फिलहाल जरूरत से ज्यादा पैसा उपलब्ध है। नोटों की आचनक हुई कमी का कारण कुछ इलाकों में बढ़ी खपत है जिसका निपटारा किया जा रहा है। वहीं कैश की किल्लत को लेकर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री एसपी शुक्ला ने कहा है कि हमारे पर फिलहाल 1,25,000 करोड़ का कैश है। एक समस्या है कि कुछ राज्यों में कैश कम है वहीं कुछ में ज्यादा है। सरकार ने राज्य स्तर पर कमेटियां बनाईं हैं साथ ही रिजर्व बैंक ने भी कमेटी बनाई है ताकि यह नकदी एक राज्य से दूसरे राज्य भेजी जा सके।

इस समस्या को देखते हुए सरकार और आरबीआइ को भी मामले में दखल देना पड़ा। वित्त राज्यमंत्री एसपी शुक्ला ने कहा है कि 3 दिन में कैश की दिक्कत दूर हो सकती है। उन्होंने कहा है कि सरकार के पास मौजूदा समय में लगभग 1.25 करोड़ रुपये की कैश करंसी पड़ी हुई है, लेकिन किसी राज्य में कैश कम है और किसी राज्य में ज्यादा है, सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने कैश को एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने के लिए समिति का गठन किया है और कैश का ट्रांसफर 3 दिन में पूरा हो जाएगा।

बाजार से दो हजार के नोट गायब होना षड्यंत्र: शिवराज

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा है कि कांग्रेस लाशों पर राजनीति कर रही है। प्रदेश में आग लगाना और दंगे फैलाना चाहती है। कांग्रेस के इस षड्यंत्र को कामयाब नहीं होने दूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि बाजारों से दो हजार रुपये के नोट गायब होना भी षड्यंत्र है। केंद्र व प्रदेश सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

वडोदरा में लगभग हर दूसरे एटीएम में कैश की समस्या से लोग दो-चार हो रहे हैं। लोग एटीएम में कैश की किल्लत की शिकायत कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अधिकांश एटीएम आउट ऑफ सर्विस हैं। केवल काम कर रहे एक एटीएम से 10, 000 रुपये ही निकाले जा पा रहे हैं, वो भी घंटों लंबी कतार में बिताने के बाद।

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