America के राष्ट्रपति Donald Trump पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया शुरु, जानें क्या है पूरा मामला

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नई दिल्ली: दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है।अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की। हम आपको बता दें कि डोनल्ड ट्रंप पर ये महाभियोग यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लोदीमीर जेलेंस्की के बीच हुई फोन पर बातचीत के बाद चलाना शुरु किया गया है। व्हाइट हाउस की ओर से जेलेंस्की के बीच फोन पर हुई बातचीत की डिटेल्स भी जारी कर दी गई है। इसी के बाद ट्रंप पर महाभियोग की प्रक्रिया शुरु की गई है।

ट्रंप पर लगाया जा भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच शुरु करने के दबाव बनाने का आरोप

ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लोदीमीर जेलेंस्की पर दबाव बनाया कि वह ट्रंप के डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच शुरू करें, हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है। इस बातचीत में ट्रंप ने जेलेंस्की को 25 जुलाई को डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार जो बाइडेन और एक यूक्रेनी गैस फर्म में काम करने वाले उनके बेटे के खिलाफ जांच शुरु करने को कहा। ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति के बीच फोन पर ये बातचीत व्हिसल ब्लोअर की शिकायत के बाद सार्वजनिक की गई है। हालांकि महाभियोग की प्रक्रिया निचले सदन में पूरी हो भी जाएगी तो इसका रिपब्लिकन के बहुमत वाले सीनेट से पास होना मुश्किल है। डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति के पद से हटाने के लिए 20 रिपब्लिकन सांसदों की जरूरत होगी, जो अपने राष्ट्रपति का ही विद्रोह करें।

जो बाईडन दे सकते हैं ट्रंप को टक्कर

गौरतलब है कि पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाईडन 2020 में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को टक्कर दे सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप ने माना है कि उन्होंने जेलेंस्की से बाईडन के बारे में चर्चा की थी, लेकिन उन पर जो आरोप लग रहे हैं वह गलत है। ट्रंप ने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के खिलाफ अभियान चलाने और बाइडेन की छवि पर धब्बा लगाने के लिए यूक्रेन की अमरीकी सैन्य सहायता बंद करन की बात कही है।

जारी किए गए नोट्स

बुधवार को जो विवरण जारी किया गया है वो इस बातचीत के अमरीकी अधिकारी के लिए गए नोट्स हैं। ट्रंप ने जेलेंस्की से इस बात का जिक्र किया है कि अमरीकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने किसी तरह से यूक्रेन के शीर्ष सरकारी वकील विक्टर शौकीन को हटाने के लिए दबाव डाला था। शौकीन के ऑफिस ने उस नेचुरल गैस कंपनी के खिलाफ जांच शुरू किया था जिसमें जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन बोर्ड मेंबर हैं हालांकि पश्चिमी अधिकारियों का मानना है कि शौकीन को इसलिए हटाया गया क्योंकि वे भ्रष्टाचार के मामलों में नरमी दिखाते थे।

प्रतिनिधि सभा में बहुमत के बाद महाभियोग की प्रक्रिया होती है शुरु

अमेरिका के संघीय सरकार की द्विसदनीय विधायिका को अमेरिकी कांग्रेस कहते हैं। सीनेट (Senate)और प्रतिनिधि सभा (House of Representatives)इस कांग्रेस के दो सदन हैं। अमेरिका के संविधान के अनुसार प्रतिनिधि सभा में बहुमत के बाद राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है, राष्ट्रपति के अलावा असैन्य अधिकारी या फिर प्रांतीय सरकार के खिलाफ भी महाभियोग लाया जा सकता है। इनमें से किसी पर भी महाभियोग तब लाया जाता है जब उन पर देशद्रोह, घूस या फिर किसी बड़े अपराध में शामिल होने का शक हो।

सदन की न्यायिक समिति करती आरोपों की जांच

अगर ऐसा होता है तो सदन की न्यायिक समिति इन आरोपों की जांच करती है फिर रजामंदी होने पर आरोप तय किए जाते हैं। इन आरोपों पर सदन में वोटिंग होती है अगर वोटिंग महाभियोग के पक्ष में होती है तो फिर आर्टिक्ल को सीनेट को सौंप दिया जाता है फिर सीनेट कोर्ट की तरह काम करती है और यूएस के मुख्य न्यायाधीश इसकी अध्यक्षता करते हैं। सुनवाई के लिए सीनेटर्स के बीच से एक मैनेजर तय किए जाते हैं। इस ट्रायल के दौरान आरोपी अपना पक्ष रखता है, दोनों पक्ष की सुनवाई पूरी होने के बाद सीनेट महाभियोग के हर आर्टिकल पर वोट करती है, इस वोटिंग में अगर दो तिहाई सदस्य आरोपी को दोषी मानते हैं तो दोष सिद्ध हो जाता है फिर सीनेट उन्हें सजा दे सकती है।

क्या है महाभियोग?

अमरीकी संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति को देशद्रोह, रिश्वत और दूसरे कुछ संगीन अपराधों में महाभियोग का सामना करना पड़ता है। अमरीका में महाभियोग की प्रक्रिया हाउस ऑफ रिप्रेजेटेटिव्स से शुरू होती है और इसे पास करने के लिए साधारण बहुमत की जरूरत पड़ती है। महाभियोग चलाने के लिए सीनेट में एक सुनवाई होती है लेकिन यहां महाभियोग को मंजूरी देने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ती है। अमरीकी इतिहास में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए हटाया नहीं जा सका है।

महाभियोग चलाने के आरोप के बाद अब क्या

अमरीकी की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। कहा जा रहा है कि निचले सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में महाभियोग पास हो सकता है लेकिन सीनेट में इसे पास कराने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है और यहां रिपब्लिकन का भारी बहुमत है। ट्रंप के खिलाफ पहले भी महाभियोग चलाने की बात हुई है, 2016 में हुए चुनाव को प्रभावित करने के लिए रूस के साथ ट्रंप के कथित मिलीभगत के आरोपों के बाद उन पर महाभियोग चलाने की बात हुई थी।

किसे महाभियोग का सामना करना पड़ा?

अमरीका के इतिहास में कई बार कुछ राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चलाने की बात हुई है लेकिन केवल दो राष्ट्रपतियों को ही इसका सामना करना पड़ा। अमरीका के इतिहास में महाभियोग का हालिया मामला अमरीका के 42वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का रहा था। अब उसके बाद डोनल्ड ट्रंप पर इसे चलाने के लिए आवाज उठ रही है। बिल क्लिंटन को एक व्यापक जूरी के समक्ष झूठी गवाही देने और न्याय में बाधा डालने के मामले में महाभियोग का सामना करना पड़ा था। मोनिका लेविंस्की से प्रेम संबंधों के मामले में उन्होंने झूठ बोला था, इसके साथ ही उन पर यह भी आरोप था कि बिल क्लिंटन ने मोनिका लेविंस्की को भी इस मामले में झूठ बोलने के लिए कहा था।

17 वें राष्ट्रपति पर चला था महाभियोग

बिल क्लिंटन के अलावा एन्ड्रयू जॉनसन एकमात्र राष्ट्रपति हैं जिन्हें महाभियोग का सामना करना पड़ा था, जॉन्सन अमरीका के 17वें राष्ट्रपति थे, वह 1865 से 1869 तक अमरीका के राष्ट्रपति रहे थे, जॉनसन के खिलाफ 1868 में हाउस में महाभियोग लाया गया था तब के युद्ध मंत्री एडविन स्टैंचन के हटने के 11 दिन बाद ही उनके खिलाफ महाभियोग लाया गया था, एडविन राष्ट्रपति की नीतियों से सहमत नहीं थे। जॉनसन का मामला बिल क्लिंटन से बिल्कुल उलट था, जॉनसन का महाभियोग महज एक वोट से बच गया था।

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