नई दिल्ली: 2012 Delhi Nirbhaya case : निर्भया के चारों दोषियों अक्षय सिंह ठाकुर, विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता व मुकेश और फांसी घर की दूरी बृहस्पतिवार को चंद कदमों की रह गई। अभी तक अलग-अलग जेलों में बंद निर्भया के दोषियों को बृहस्पतिवार दोपहर जेल संख्या-तीन में भेज दिया गया।
दोषियों के हाव-भाव व्यवहार पर जेल प्रशासन की नजर
चारों दोषियों को जेल संख्या-तीन के हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। सेल व फांसी घर के बीच की दूरी चंद कदमों की ही है। जेल संख्या-तीन में भेजे जाने के बाद दोषियों के चेहरे पर तनाव की लकीरें और गहरा गई हैं। जेल प्रशासन चारों दोषियों के हाव-भाव पर पूरी नजर रखे हुए है।
अलग-अलग सेल में रखे गए चारों कैदी
बता दें कि अभी तक निर्भया के दोषियों में विनय जेल संख्या-चार में तो अक्षय, पवन व मुकेश जेल संख्या-दो में बंद थे। दोपहर के समय इन्हें दो अलग-अलग गाड़ियों में कड़ी सुरक्षा के बीच जेल संख्या-तीन में शिफ्ट किया गया। चारों कैदी को अलग-अलग सेल में रखा गया है। यहां इनकी सुरक्षा को लेकर जेलकर्मी पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।
24 घंटे नजर रख रहे तमिलनाडु पुलिस के जवान
सूत्रों का कहना है कि एक सुरक्षाकर्मी को इनके पास छह घंटे से अधिक रहने नहीं दिया जा रहा है। इन्हें ऐसे सेल में रखा गया है जो सीसीटीवी कैमरे के दायरे में है। ये कैमरे न सिर्फ सेल के आसपास, बल्कि सेल की ओर आने वाली तमाम सड़कों पर भी लगी हुई हैं। सीसीटीवी फुटेज पर न सिर्फ जेल के कंट्रोल रूम में बैठे सुरक्षाकर्मी बल्कि जेल अधीक्षक स्वयं चौबीस घंटे निगाह बनाए हुए हैं। तमिलनाडु पुलिस के जवानों की ड्यूटी चौबीस घंटे इनके सेल के पास लगाई गई है।
पूछते रहे क्यों भेजा जा रहा है जेल संख्या-तीन
जेल सूत्रों का कहना है कि विनय को जब जेल संख्या-तीन के लिए ले जाया जा रहा था तो उसने वहां मौजूद जेलकर्मियों से यह पूछा कि आखिर उसे जेल संख्या-तीन में क्यों भेजा जा रहा है। उसने यह भी कहा कि वह जेल संख्या-चार में ही रहना चाहता है। इस पर जेलकर्मियों ने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। ऐसा ही सवाल अक्षय, मुकेश व पवन ने भी जेल संख्या-दो के कर्मियों से तब पूछा जब तीनों को पता चला कि उन्हें जेल संख्या-तीन भेजा जा रहा है।
समय-समय पर हो रही है काउंसिलिंग
जेल सूत्रों का कहना है कि जेल संख्या-तीन में आने के बाद इनकी स्वास्थ्य जांच व काउंसिलिंग भी कराई गई। पिछले कई दिनों से लगातार इनकी स्वास्थ्य जांच हो रही है। समय-समय पर काउंसिलिंग भी की जा रही है। नतीजों को रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। इन्हें सामान्य रखने के लिए जेल अधिकारी व कर्मी समय-समय पर इनसे बातचीत करते रहते हैं।