रोडवेज की नौकरी नहीं करना चाहते 173 कर्मचारी, वीआरएस के लिए किया आवेदन

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हल्द्वानी: उत्तराखंड परिवहन निगम के 173 कर्मचारी अब और नौकरी नहीं करना चाहते। इन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन किया है। स्थानीय स्तर पर पूरी लिस्ट तैयार कर मुख्यालय भेजी जा रही है। रोडवेज प्रबंधन को वीआरएस देने के लिए 46 करोड़ 76 लाख 32 हजार 564 रुपये का भुगतान कर्मचारियों को करना होगा। बड़ी संख्या में वीआरएस मांगने की वजह प्रबंधन द्वारा समय पर वेतन न देना भी है।

घाटे से नहीं ऊबर रहा रोडवेज

उत्तराखंड रोडवेज तमाम कोशिशों के बावजूद घाटे से नहीं उबर पा रहा। हाल में मुख्यालय की ओर से तीनों रीजन में भेजे गए आदेश में कहा गया था कि जो कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाहते हैं उनकी लिस्ट तैयार की जाए। साथ ही उनका भुगतान संबंधी प्रस्ताव भी तैयार करवाया जाए। नैनीताल रीजन के नौ डिपो से मिले आवेदन के बाद वीआरएस की मांग करने वाले रोडवेज कर्मियों की संख्या 173 पहुंच गई। अधिकारियों के मुताबिक फाइनल निर्णय मुख्यालय को लेना है। संभावना है कि केंद्र से बजट मांगा जा सकता है। क्योंकि निगम की आर्थिक स्थिति पहले से खराब है।

चतुर्थ श्रेणी से लेकर केंद्र प्रभारी तक शामिल

नौ डिपो से आई लिस्ट के मुताबिक वीआरएस मांगने वालों में चालक, परिचालक, वरिष्ठ केंद्र प्रभारी से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी शामिल है। 88 परिचालक, 21 बुकिंग क्लर्क, 15 वरिष्ठ लिपिक, 11 परिचालक, दो वरिष्ठ केंद्र प्रभारी तक शामिल है।

रिटायरमेंट का समय नजदीक

नैनीताल रीजन में स्थायी रोडवेज कर्मियों की संख्या करीब 1700 है। रोडवेज प्रबंधन के मुताबिक वीआरएस मांगने वाले अधिकांश लोग वे हैं जो दो महीने से लेकर एक साल के भीतर सेवानिवृत्त होने वाले हैं। रोडवेज प्रबंधन समय पर सेलरी न देने के साथ पूर्व में रिटायर हो चुके कर्मचारियों को भी समय पर भुगतान नहीं कर पाता। इस वजह से भी वीआरएस को लेकर आवेदन ज्यादा पहुंचे।

अधिकारी व कर्मचारी बता रहे ये वजह

आरएम यशपाल सिंह ने बताया कि मुख्यालय के आदेश पर लिस्ट तैयार कर भेजी जा रही है। करोड़ों में भुगतान का मामला होने के कारण अंतिम निर्णय वहीं से होगा। जबकि कमल पपनै, अध्यक्ष उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन का कहना है कि तीन-तीन महीनों तक रोडवेज के लोगों को तनख्वाह नहीं मिलती। पुराने भुगतान को लेकर भी लंबा इंतजार करना पड़ता है। इस वजह से रोडवेज कर्मी वीआरएस चाहते हैं।

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