प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात

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व्लादिवोस्तोक,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात की। दोनों नेताओं ने गले मिलकर गर्मजोशी से मुलाकात की और इसके बाद ज्वेज्दा शिप बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स का दौरा किया और यहां उन्होंने कुछ प्रदर्शनी भी देखी। ज्वेज्दा रूस का सबसे बड़ा पोतनिर्माण परिसर है। दोनों के बीच आज द्विपक्षीय वार्ता होगी। इससे पहले इससे पहले दोनों नेता एक दूसरे से किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में मिले थे।

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पीएम मोदी को मिला गार्ड ऑफ ऑनर

इससे पहले पीएम मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर बुधवार को सुबह 4:30 बजे रूस के व्लादिवोस्तोक शहर पहुंचे। रूस के उप विदेश मंत्री इगोर मोर्गुलोव की उपस्थिति में पीएम मोदी को व्लादिवोस्तोक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में होंगे शामिल

पीएम मोदी इस 36 घंटे के दौरे पर ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में शामिल होंगे। भारत ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम का सदस्य नहीं है, लेकिन पीएम मोदी राष्ट्रपति पुतिन के विशेष आमंत्रण पर पांचवें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम की बैठक में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। व्लादिवोस्तोक में फार इस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी (FEFU) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस में भारतीय प्रवासियों ने स्वागत किया।

रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र जाने वाले पहले पीएम

बता दें कि पीएम मोदी रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र (फार ईस्ट रीजन) की यात्रा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं।  पीएम के इस यात्रा के दौरान दोनों देश रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग के सामरिक क्षेत्रों में गहन सहयोग बढ़ाने पर विचार करेंगे।

भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन आज

प्रधानमंत्री ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर भी बताया कि वह बुधवार को ही राष्ट्रपति पुतिन के साथ 20वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में भी शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) में विकास करने का अथाह साम‌र्थ्य है। इस मंच से भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का अवसर मिलेगा।

भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का अवसर

ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम की मंच से भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने का अवसर मिलेगा। साथ ही रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी विकसित करने का अवसर होगा। प्रधानमंत्री मोदी रूस के ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में शामिल होने वाले अन्य देशों के नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता भी कर सकते हैं। इस सम्मेलन में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद और मंगोलिया के राष्ट्रपति खाल्तमागिन बत्तुलगा आदि भी शामिल होंगे।

गगनयान में भी लेंगे सहयोग

भारत के मानव मिशन गगनयान में भी रूस सहयोग मिलेगा। रूस अब भारत के अंतरिक्ष यात्रियों को इस दिशा में प्रशिक्षण देने में मदद करेगा। पीएम मोदी, पुतिन से पहली बार तब मिले थे जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।

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