देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र की तिथि निर्धारित कर दी गई है। सात जनवरी को होने वाले विशेष सत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए अगले 10 साल तक आरक्षण बढ़ाने के केंद्र सरकार के निर्णय के मद्देनजर अनुसमर्थन प्रस्ताव पारित किया जाएगा। राजभवन की मंजूरी के बाद विधानसभा सचिवालय ने विशेष सत्र की अधिसूचना जारी कर दी है।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विशेष सत्र आहूत होने की अधिसूचना जारी होने के बाद उक्त जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सात जनवरी को यह एक दिन का विशेष सत्र होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संविधान में दी गई व्यवस्था के अनुसार अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए अगले 10 साल के लिए आरक्षण की अवधि को बढ़ाया गया है।
उन्होंने बताया कि अब राष्ट्रपति से इसे अनुमोदन मिलना है, जिसके लिए सभी राज्यों की विधानसभाओं में यह प्रस्ताव पारित कराया जाना जरूरी है। इसी के दृष्टिगत उत्तराखंड विधानसभा का भी सत्र आहूत किया जा रहा है। उधर, सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र ने शुक्रवार को विधानसभा के विशेष सत्र की अधिसूचना भी जारी कर दी।
सुशासन में उत्तराखंड का बेहतर प्रदर्शन
देश में सुशासन सूचकांक और आर्थिक क्षेत्र की समग्र रेटिंग में उत्तराखंड को पूर्वोत्तर एवं पर्वतीय राज्यों में क्रमश: द्वितीय व प्रथम स्थान प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुशी जताई है। राजभवन में मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को सम्मान मिलने से राज्यहित में और बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पिछले तीन वर्षों में सुशासन की दिशा में कारगर प्रयास किए गए हैं। साफ -सुथरा प्रशासन एवं पारदर्शी कार्यप्रणाली का ही परिणाम है कि सरकार के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। यह सम्मान निरंतर अच्छा कार्य करने की प्रेरणा देगा। आमजन का विश्वास एवं भरोसा निरंतर बना रहे, यह प्रयास किया जाएगा।