लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी में बवंडर आ गया है. राहुल गांधी कांग्रेस का अध्यक्ष पद छोड़ने पर अड़ गए हैं, तो वहीं उनको मनाने के लिए पार्टी नेता एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि राहुल गांधी से कहा गया है कि अभी पार्टी को नए विकल्प नहीं मिल रहे हैं. राहुल को कहा गया है कि आप पार्टी में जो मर्जी बदलाव करें, जैसे चाहे पार्टी चलाएं. जिसके बाद अब राहुल नरमी के संकेत दे सकते हैं. सूत्रों ने दावा किया है कि कार्यप्रणाली में कुछ शर्तों के साथ राहुल अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, प्रियंका गांधी की कई दौर की मीटिंग के बाद इस बात पर सहमति बनी है.
मंगलवार की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के एक बड़े नेता से कहा है कि आप एक महीना ले लीजिए, लेकिन मेरा विकल्प ढूंढ लीजिए. उन्होंने कहा है कि मैं पद छोड़ने के लिए मन बना चुका हूं. राहुल ने कहा है कि प्रियंका गांधी को इन सभी से दूर रखना चाहिए, किसी भी हालत में मेरी जगह अध्यक्ष नहीं बनेंगी. राहुल गांधी ने कहा है कि मैं लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व करने को तैयार हूं. उन्होंने कहा है कि किसी अन्य भूमिका में भी मैं काम कर सकता हूं, पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करता रहूंगा. लेकिन अध्यक्ष नहीं रहूंगा. बता दें कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन पार्टी ने उसे नकार दिया था. हालांकि, उसके बाद राहुल अपने फैसले पर अड़े रहे और पार्टी नेताओं को खरी-खरी सुनाई. लोकसभा चुनाव में मात्र 52 सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस पार्टी में इस्तीफों का दौर जारी है, कई प्रदेश अध्यक्ष अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं. तो वहीं राहुल अपनी बात पर अडिग हैं, यहां तक कि उन्होंने अभी तक अपने नवनिर्वाचित सांसदों से भी मुलाकात नहीं की है. दरअसल, राहुल का फॉर्मूला है कि वह अध्यक्ष पद से हटें, कोई नया अध्यक्ष बनें. जो कि गांधी परिवार से अलग हो और राहुल खुद पार्टी के लिए काम करते रहें. नतीजों के बाद पंजाब, यूपी, असम, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है।