नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ जंग जीतने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है। कोरोना वैक्सीन की खेप देश के अलग-अलग सेंटरों पर पहुंच चुकी है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 जनवरी को देश भर में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे। इसके अलावा पीएम वैक्सीनेशन के लिए जरूरी को-विन ऐप को भी लॉन्च करेंगे।
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दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान
आपको बता दें कि 16 जनवरी यानी शनिवार से पूरे देश में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण का कार्यक्रम शुरू होगा। यह कोरोना के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है। जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी कोरोना टीकाकरण अभियान के कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होंगे और कोरोना का टीका देश को समर्पित करेंगे।
एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि हमारे यहां वैक्सीनेशन के तीन सेंटर हैं। हर सेंटर में 9 लोगों की टीम है। इन लोगों को वैक्सीनेशन के लिए अलग से ट्रेनिंग भी दी गई है। डॉक्टर सुरेश ने बताया कि उनके यहां वैक्सीन की डोज शनिवार की सुबह पहुंचेगी और 8 बजे से वैक्सीनेशन शुरू होगा। रोजाना एक सेंटर पर 100 लोगों को वैक्सीनेशन होगा।
वैक्सीनेशन प्रोग्राम सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगा
CoWin ऐप के जरिए हेल्थ केयर वर्कर्स को मेसेज मिलेगा। जिसमें उन्हें बताया जाएगा कि उनका वैक्सीनेशन होना है और उसकी टाइमिंग भी बताई जाएगी। वैक्सीनेशन प्रोग्राम सुबह 8 बजे से शुरू हो जाएगा। वैक्सीनेशन सेंटर के गेट पर सुरक्षा गार्ड तैनात होगा। जो हेल्थ केयर वर्कर पहुंचेंगे उनका नाम सूची से मिलान किया जाएगा, अगर उनका नाम होगा तभी उन्हें सेंटर में जाने दिया जाएगा।
गोयल हॉस्पिटल एंड यूरोलॉजी सेंटर के डायरेक्टर डॉ. अनिल गोयल ने बताया है पीएम वैक्सीनेशन के बाद साइड इफेक्ट्स की संभावना को देखते हुए सरकार ने एसओपी जारी की है। उन्होंने कहा कि हर सेंटर को बड़े टर्शरी केयर सेंटर के साथ कनेक्ट किया गया है, ताकि अगर मेजर साइड इफेक्ट्स होते हैं तो उसे तुरंत बड़े अस्पताल में रेफर किया जा सके। हालांकि डॉक्टर गोयल का कहना है कि ऐसी संभावना नहीं है। लेकिन सरकार ने एहतियात के तौर पर सारी तैयारियां की हैं और इलाज के लिए भी एसओपी दिया है।
वैक्सीन लगने के बाद 30 मिनट तक वॉलंटियर को सेंटर पर ही ऑब्जरेशन रूम में रखा जाएगा
पीएम वैक्सीनेशन वैक्सीन लगने के बाद 30 मिनट तक वॉलंटियर को सेंटर पर ही ऑब्जरेशन रूम में रखा जाएगा। अगर इस दौरान कुछ होता है तो वहां पर ही इलाज दिया जाएगा। अगर किसी को मामूली फीवर या एलर्जी होती है तो इसके लिए कौन-सी मेडिसिन देनी है, यह भी बताया गया है। एलर्जी, फीवर, घबराहट, इंजेक्शन साइट पर दर्द होता है इसका इलाज सेंटर पर किया जाएगा। लेकिन, अगर किसी को सांस लेने जैसी दिक्कत होती है तो ऐसी स्थिति में वॉलंटियर को बड़े अस्पताल में रेफर किया जाएगा।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे की वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ पहले ही दिल्ली पहुंच गई है। वहीं, भारत बायोटेक की वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ की पहली खेप भी आज दिल्ली पहुंचने वाली है। हालांकि अबतक जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक हेल्थवर्कर्स को सीरम इंस्टिट्यूट की ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन ही लगाई जाएगी।
देश में दो कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को मिली है मंजूरी
भारत में कोरोना की दो वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिली है, इनमें सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे की ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ शामिल हैं। इसके अलावा भी देश में 4 और वैक्सीन लाइनअप में हैं। ‘कोविशील्ड’ की पहली खेप मंगलवार को ही देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच गई है। वहीं, भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ की पहली खेप आज यानी बुधवार को दिल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंच गई है।
सबसे पहले हेल्थवर्कर्स को लगाई जाएगी वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन लोगों को प्राथमिकता के आधार पर लगाई जानी है। पहले चरण में करीब 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, जिनमें सबसे पहले हेल्थवर्कर्स को कोरोना का टीका लगेगा। हेल्थवर्कर्स को कोविशील्ड का डोज दिया जाएगा। उसके बाद बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स, 50 साल से अधिक उम्र वाले लोगों और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को वैक्सीन की डोज दी जाएगी।