पेशावर
केवल 12 साल की उम्र में नैशनल जिऑग्रफिक के कवर पर दिखाई देने वाली एक अफगान महिला को एक पाकिस्तानी कोर्ट ने वापस अफगानिस्तान भेजने का आदेश दिया है। यह महिला लगभग 10 साल पहले युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान से भाग कर पाकिस्तान आई थी।
हरी आंखों वाली शरबत गुला 1985 में पाकिस्तान के एक रिफ्यूजी कैंप में आई थी तभी स्टीव मैकरी ने उसकी फोटो ली थी। पिछले हफ्ते गुला को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद यह अफगानी लड़की फिर से सुर्खियों में आ गई। गुला पर गलत दस्तावेजों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान में रहने का आरोप है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में रिफ्यूजी नकली पहचान से रहते हैं। गुला के वकील ने बताया कि कोर्ट ने उसे 15 दिन के लिए जेल में रहने और 1,10,000 पाकिस्तानी रुपये जु्र्माना भरने का आदेश दिया है। वकील मुबाशर नजर ने कहा, ‘वह पहले ही 11 दिन जेल में गुजार चुकी है। हमने कोर्ट से गुजारिश की है कि मानवीय आधार पर उसे रिहा कर दिया जाए।’
पेशावर स्थित अफगान वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी अब्दुल हामिद जलीली ने कहा कि गुला के ऊपर लगाया गया जुर्माना अदा कर दिया गया है और उसे सोमवार को रिहा कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम उसे सम्मान के साथ सोमवार को अफगानिस्तान ले जाएंगे।’ उसके चार बच्चों को भी अफगानिस्तान ले जाया जाएगा। गुला को हैपेटाइटिस सी है और उसका पति कई साल पहले मर चुका है। गौरतलब है कि गुला की तस्वीर नैशनल जिऑग्रफिक मैगजीन की सबसे मशहूर तस्वीर बन गई थी। 17 साल की खोजबीन के बाद मैकरी ने 2002 में एक अफगान गांव में फिर से ढ़ूंढ निकाला था जहां उसकी शादी हो चुकी थी और तीन बेटियां थीं।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि गुला ने धोखाधड़ी कर 2014 में पेशावर में पहचान पत्र के लिए अप्लाई किया था। गुला की तरह ही बड़ी संख्या में अफगानी लोग वापस अपने घर नहीं लौटना चाहते हैं जबकि पाकिस्तान बिना सही कागजातों के रहने वाले विदेशियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता है। 1979 में अफगानिस्तान में युद्ध छिड़ने के बाद लाखों अफगानी पाकिस्तान आ गए थे लेकिन जुलाई से बड़ी संख्या में अफगानी नागरिक वापस अफगानिस्तान लौट गए हैं।