नई दिल्ली (एजेंसी )। पनामा पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज (शुक्रवार) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उन्हें अयोग्य करार दिया है। पहले ही इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि कोर्ट यही फैसला सुनाएगा। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बैंच ने एक मत से यह फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद पाकिस्तान का राजनीतिक भविष्य एक बार फिर दांव पर है। गौरतलब है कि इस मामले की जांच के लिए बनाई गई जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी।
एक बार फिर से सैन्य तंत्र हावी हाे सकता है
नवाज शरीफ से पद से हटाए जाने की सूरत में वहां पर छाई राजनीति अस्थिरता भारत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। ऐसे में देश की राजनीति में शून्य छा जाने से यह भी हाे सकता है कि वहां की सत्ता पर एक बार फिर से सैन्य तंत्र हावी हाे जाए, जैसा कि पहले होता रहा है।
पाकिस्तान का यह इतिहास रहा है कि जब-जब देश की सत्ता कमजोर हुई है तब-तब वहां पर सैन्य ताकत उभरकर सामने आई है। वैसे भी पाकिस्तान में सैन्य शासन का इतिहास काफी पुराना है।
हालांकि एक संभावना यह भी है शरीफ के पद से हटने के बाद उनके भाई शाहबाज शरीफ उनकी जगह ले सकते हैं। हालांकि उनके खिलाफ भी इमरान खान की पार्टी ने एक याचिका दायर की है जिसमें उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग की गई है।
भारत के लिए सही नहीं होगा-भारत के पूर्व विदेश सचिव रहे सलमान हैदर
भारत के पूर्व विदेश सचिव रहे सलमान हैदर भी इस बात से इंकार नहीं करते हैं कि पाकस्तिान में फिलहाल नवाज शरीफ पर संकट के बादल छाए हुए हैं।एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने माना कि यदि फैसला उनके खिलाफ आता है तो वहां पर अस्थिरता का माहौल पैदा हो सकता है जो कि भारत के लिए सही नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार की हमेशा से इज्जत करती है, भले ही हमारे आपसी संबंध कैसे भी रहे हों। उनका कहना था कि यदि किसी भी सूरत से फैसला उनके खिलाफ आया और उन्हें पद छोड़ना पड़ा तो भारत और पाकिस्तान के बीच जो आपसी मसले हैं उनके लिए फिर शुरुआत से ही दूसरे लोगों से बात करनी पड़ेगी।
हैदर का कहना था कि फिलहाल नवाज शरीफ के ऊपर आए संकट से वहां पर सैनिक सत्ता के आने की संभावना काफी कम है, क्योंकि फिलहाल वहां की सत्ता लेने के लिए वह तैयार नहीं हैं। लेकिन भारत इस पूरे मामले पर अपनी नजर बनाए हुए है।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा
तो यह भी साफ हो जाएगा कि पाकिस्तान की राजनीति और उसका भविष्य किस ओर रुख करता है।
जस्टिस आसिफ सईद खान खोसा के नेतृ त्व वाली पांच जजों की बैंच में उनके अलावा जस्टिस गुलजार अहमद, जस्टिस एजाज अफजल खान, जस्टिस इयाज उल अहसान और जस्टिस शेख अजमत सईद शामिल हैं।
पनामा गेट कांड में नवाज और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार व मनी लांड्रिंग जैसे संगीन आरोप हैं। नवाज शरीफ से सीधे जुड़े मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संयुक्त जांच दल (जेआइटी) गठित की गई थी।
जेआइटी ने 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इमरान ने लगाए हैं कई संगीन आरोप
आपको यहां बता देना जरूरी होगा कि उनके विपक्षी इमरान खान ने नवाज शरीफ और उनके भाई शाहबाज शरीफ पर काफी संगीन आरोप लगाए हैं।
इमरान का कहना है कि नवाज ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके खिलाफ आने की सूरत में सुप्रीम कोर्ट पर हमले की योजना तक तैयार की है। वहीं उन्होंने आरोप लगाया है कि शाहबाज के लिए पहले उनका बिजनेस है और बाद में देश आता है। वह अपने हर फैसले अपने बिजनेस को ध्यान में रखते हुए ही लेते हैं।