उदयपुर। Crisis Russia-Ukraine: रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव बढ़ता जा रहा है। भारतीय दूतावास ने वहां रह रहे भारतीयों को देश लौटने के निर्देश दिए हैं। इससे यूक्रेन में रह रहे भारतीयों के परिजनों की मुश्किल बढ़ गई है। यूक्रेन में राजस्थान के पांच हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें 90 फीसदी से अधिक बच्चे मेडिकल स्टूडेंट्स हैं। जिन्हें बताया गया कि वह देश छोड़कर गए तो उनकी अनुपस्थिति लगाई जाएगी और ऐसे में उनके साल बिगड़ने की आशंका है।
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यूक्रेन में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के पेरेंट्स की बढ़ी मुश्किल
रूस और यूक्रेन (Crisis Russia-Ukraine) के बीच युद्ध की आशंका को देखते हुए पेरेंट्स यूक्रेन में पढ़ रहे अपने बच्चों के लगातार संपर्क में हैं। भारतीय दूतावास के यूक्रेन छोड़कर भारत लौटने की सलाह के बाद यूक्रेन में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के पेरेंट्स की मुश्किल बढ़ गई है। उदयपुर के संजीव खाब्या का कहना है कि उनका बेटा जय यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। यूक्रेन में ऑनलाइन पढ़ाई बंद करके ऑनलाइन कक्षाएं शुरू होने जा रही है। ऐसे में यदि जय को उदयपुर बुलाया तो उसकी गैरहाजिरी लगा दी जाएगी और उसका एक साल बिगड़ जाएगा। इसी तरह उदयपुर से करीब चार सौ से अधिक ऐसे बच्चे हैं, जो यूक्रेन में रहकर मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।
यूक्रेन में लगभग पांच हजार राजस्थानी बच्चे पढ़ रहे हैं
वहीं, उदयपुर के विनित सोजतिया बताते हैं कि यूक्रेन में लगभग पांच हजार राजस्थानी बच्चे पढ़ रहे हैं। जो यूक्रेन की विनित्सिया की मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। जिनमें उदयपुर के अलावा जयपुर, जोधपुर, अजमेर और कोटा शहरों के बच्चे बड़ी संख्या हैं। विश्वविद्यालय ने स्टूडेंट्स को सूचित किया है कि 25 फरवरी के बाद ऑनलाइन क्लासेज शुरू होगी। बताया गया कि एक हजार से अधिक बच्चों ने पहले भारत लौटने के लिए टिकट बुक करा ली थी लेकिन बाद में युद्ध की आशंका टलने के चलते फिलहाल उन्होंने बुकिंग कैंसल करा दी है।हालांकि इस सब के परिजन अभी भी बेहद परेशान हैं।
राजस्थान के करीब एक हजार छात्र यूक्रेन में मौजूद
रूस से तनाव के बीच यूक्रेन (Crisis Russia-Ukraine) में भारतीय स्टूडेंट पढ़ाई कर रहें हैं। जनवरी के आखिरी दिनों में भारत सरकार की ओर से यूक्रेन में रहने वाले अपने नागरिकों को कीव स्थित भारतीय दूतावास में खुद को रजिस्टर करने को कहा गया था। जिससे जरूरत पड़ने पर जल्द मदद पहुंचाई जा सकेगी। भारत से पढ़ने गए ज्यादातर छात्र पश्चिमी यूक्रेन में रहते हैं। वहीं यूक्रेन में तनाव की हालत पूर्वी बॉर्डर पर है। यूक्रेन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों का कहना है कि मौजूदा समय में देश के मेडिकल कॉलेजों में करीब में 88 हजार सीटें हैं। इसके लिए 8 लाख से ज्यादा बच्चे परीक्षा में बैठते हैं। दूसरी ओर यूक्रेन के मेडिकल कॉलेज में आसानी से दाखिला मिल जाता है। कमोबेश यही हाल इंजीनियरिंग की पढ़ाई का भी है। राजस्थान कांग्रेस के नेता द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि देश भर से 18,000 से 20,000 भारतीय छात्र अध्ययन के लिए यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में गए हैं। उनके जीवन से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर अभी तक भारत सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। राजस्थान के करीब एक हजार छात्र यूक्रेन में भी मौजूद हैं।
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