Weather Today : मौसम विभाग ने हिमाचल और उत्तराखंड में 115.6 से 204.4 मिमी तक भारी वर्षा का पूर्वानुमान जताया है। साथ ही कहा है कि इस दौरान प्रभावित इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन की आशंका है। इसके अलावा आंधी-तूफान और बिजली कड़कने की भी चेतावनी जारी की गई है।
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भारी बारिश, भूस्खलन से तबाही झेल रहे हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। भारतीय मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई है। विभाग ने इन सात राज्यों के लिए 21 से 24 अगस्त के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने हिमाचल और उत्तराखंड में 115.6 से 204.4 मिमी तक भारी वर्षा का पूर्वानुमान जताया है। साथ ही कहा है कि इस दौरान प्रभावित इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन की आशंका है। इसके अलावा आंधी-तूफान और बिजली कड़कने की भी चेतावनी जारी की गई है।
इन दोनों राज्यों में पिछले कुछ हफ्तों में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते बड़ी तबाही हुई है। इन राज्यों में 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान भी हुआ है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी 22 और 23 अगस्त को 115.6 से 204.4 मिमी तक भारी बारिश का अनुमान है।
पूर्वी यूपी में 21 से 24 अगस्त तक जोरदार बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने राजस्थान के साथ ही पूर्वोत्तर के राज्य असम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम में अगले तीन दिनों तक जोरदार बारिश का अनुमान जताया है।
हालात पर केंद्र रख रहा नजर
प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के हालात पर 24 घंटे नजर रख रही है। स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार को आवश्यक राहत और वित्तीय मदद प्रदान कर रही है। बचाव और राहत के लिए एनडीआरएफ की 20 टीमें, सेना की 9 टुकड़ियां और वायुसेना के 3 हेलिकॉप्टर तैनात किए गए हैं।
शिमला भूस्खलन में 17 हुई मृतकों की संख्या, 13 अभी लापता
शिमला में 14 अगस्त को हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 17 हो गई है। राहत-बचाव टीम ने हादसे के सातवें दिन रविवार को एक और शव बरामद किया। तीन अन्य लोग अब भी लापता हैं। इनकी तलाश की जा रही है।
उत्तराखंड सीएम ने कहा-एक हजार करोड़ का नुकसान, केंद्र से मांगेंगे मदद
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य को प्राकृतिक आपदाओं से अब तक 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। हम केंद्र सरकार से मदद मांगेंगे। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जिले में बाढ़ और जलभराव से 21 हजार हेक्टेयर गन्ने की फसल खराब हुई। सड़कों और पुलों को भारी क्षति पहुंची है। बारिश कम होने के बाद सड़कों की मरम्मत के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू होगा।
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