उधमसिंह नगर: उत्तराखंड में केवल तीर्थाटन, पर्यटन के मौके पर मात नहीं मिल रही बल्कि स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा का हाल भी बेहाल है। कभी नदी के ऊपर बने पुल पर प्रसव, तो कभी उपचार के अभाव में दम तोड़ते इंसान। प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं। अब इसे सिस्टम की नाकामी कहें या फिर आमजन का आलस्य। प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के तमाम दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
ज़रूर पढ़ें :रामलला नाबालिग है…उसकी संपत्ति न छीनी जा सकती है और न ही बेची जा सकती
सड़क पर बच्चे को जन्म देने को मजबूर हुई महिला…
वहीं किच्छा में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल इतना बुरा है कि एक महिला ने अस्पताल के बाहर सड़क पर बच्चे को जन्म देना पड़ा। मामले की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में महिला को अस्पताल में भर्ती किया। गनीमत यह रही कि जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं।
डॉक्टरों ने यह कहकर लौटा दिया कि…
सिरौली कला निवासी जाकिर ने बताया कि आज सुबह उनकी पत्नी को लेबरपेन शुरू हो गया, जिसके बाद वो 7 बजे के करीब 108 की मदद से सरदार बल्लभ भाई पटेल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां पर उसकी जांच रिर्पोट देखकर डॉक्टरों ने यह कहकर लौटा दिया कि उसे काला पीलिया है। इसलिए उसको किच्छा सामुदायिक स्वास्थ्य में भर्ती नहीं किया जा सकता है। जिसके बाद परिजनों से रूद्रपुर ले ही जा रहे थे कि अस्पताल के बाहर सड़क पर महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया। जैसे ही इस घटना की जानकारी अस्पताल प्रशासन को लगी तो आनन-फानन में जच्चा और बच्चा को अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज शुरू कर दिया।
मामले की जांच के आदेश…
वहीं, इस मामले में किच्छा सीएचसी अधीक्षक हरीश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सड़क पर बच्चा पैदा होने का मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। अगर कोई भी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।