Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav: CM धामी बोले, भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी रही हरीश रावत सरकार

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देहरादून। Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav: अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड पांचवें विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav) के लिए तैयार है। पिछली बार तीन-चौथाई से अधिक बहुमत के साथ सरकार बनाने वाली भाजपा इस चुनाव में अपने सबसे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मैदान में उतर रही है। यद्यपि, धामी को मुख्यमंत्री के रूप में अपना कौशल दिखाने के लिए केवल छह महीने का ही समय मिला, लेकिन इस छोटी सी अवधि में भी अपनी कार्यशैली के साथ ही निर्णय लेने की क्षमता उन्होंने प्रदर्शित की। वक्ता के रूप में विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस पर चुटीले अंदाज में निशाना साधना उन्हें भाता है। कांग्रेस को वह आक्रामक तरीके से घेर रहे हैं। चुनाव के मोर्चे पर सक्रिय धामी सोची-समझी रणनीति के तहत हरीश रावत के नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार के मामले में कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। ‘दैनिक जागरण’ ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चुनावी तैयारी समेत समसामयिक विषयों पर विस्तृत बातचीत की।

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-कांग्रेस ने भाजपा की आंतरिक अस्थिरता व भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया है।

हमारी पांच साल की पारदर्शी सरकार रही है। एक भी मामला भ्रष्टाचार का नहीं आया। कांग्रेस की हरीश रावत सरकार पूरे समय आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी रही। उनका स्टिंग आपरेशन, उनका शराब कांड, खनन कांड। भ्रष्टाचार की खुली किताब है कांग्रेस सरकार का कार्यकाल। अगर इसे कोई मुद्दा बनाए तो हंसी आती है। यह तो ठीक वैसा ही है कि नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। या कहें तो सूपा बोले तो बोले, छलनी भी बोले, जिसमें 256 छेद।

-महासमर में भाजपा का ब्रह्मास्त्र क्या है।

हमारा काम है और उनके कारनामे हैं। हमारे पास नरेन्द्र मोदी के रूप में विश्वव्यापी नेतृत्व है, जिनका उत्तराखंड से विशेष लगाव है। हमारा संगठन है, उत्तराखंड की जनता भरोसा करती है। भाजपा ही यहां के अनुरूप एकमात्र पार्टी है। भाजपा ने ही उत्तराखंड को अलग राज्य बनाया। अटल जी ने बनाया था और मोदी उसे संवार रहे हैं।

-क्या लगता है, आपकी ऊर्जा भारी पड़ेगी या हरीश रावत का अनुभव।

हम पूरी ऊर्जा के साथ काम कर रहे हैं। हमारे साथ अनुभवी लोगों का आशीर्वाद है। नए जोश के साथ अनुभव का संगम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व तो है ही। हमारा संगठन बूथ स्तर तक विस्तृत है, इसलिए हम पूरी तरह आश्वस्त हैं। पार्टी ने नारा दिया है, अबकी बार 60 पार और नए इरादे युवा सरकार।

-कांग्रेस कह रही है इस बार हमारी बारी है।

क्या है कि यहां पर बहुत सारे मिथक थे। इनके आधार पर लोग मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। 2009 के लोकसभा चुनाव के समय उत्तराखंड में भाजपा की सरकार थी, लेकिन पांचों सीट जीती कांग्रेस ने। फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन पांचों सीट भाजपा को मिलीं। 2019 के चुनाव में यह मिथक टूट गया। राज्य में भाजपा की सरकार और पांचों लोकसभा सीट भी भाजपा ने जीतीं। उत्तर प्रदेश में भी लंबे समय के बाद भाजपा की सरकार आई और अब दोबारा वहां भाजपा ही सत्ता में आने जा रही है। मिथक उत्तर प्रदेश में टूटेगा और उत्तराखंड में भी। दोनों राज्यों में भारी बहुमत से भाजपा की सरकार आ रही है।

-किन प्रमुख मुद्दों पर चुनावी समर में उतर रहे हैं।

हमारे सभी मुद्दे विकास के हैं। विकास के कार्य ही हमारा प्रचार हैं। सड़क ,रेल, बुनियादी सुविधाएं, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, रोजगार प्रत्येक क्षेत्र में आप देख सकते हैं। नौजवानों के लिए रोजगार की व्यवस्था की है। 24 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की है। पुलिस में लंबे समय से नियुक्तियां नहीं हुई थीं। अब 1734 पदों की विज्ञप्ति निकाली है। नई खेल नीति लेकर आए हैं। हमारी मातृ शक्ति को रोजगार व स्वरोजगार के लिए महामारी के दौरान 119 करोड़ का पैकेज दिया। उत्तर प्रदेश के साथ 21 वर्षों से लंबित परिसंपत्तियों के मुद्दे को सुलझा लिया गया है।

-अपना छह महीने का कार्यकाल या भाजपा सरकार के पांच साल, जनता तक क्या ले जाएंगे।

देखिए, हमारा पहले से ही मुद्दा विकास रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड को पिछले पांच वर्षों में एक लाख करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाएं दी हैं। चारधाम आल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से हो रहा काम सब देख रहे हैं। हमने जो काम किया है, सबके सामने है। मैंने पिछले छह महीनों में मुख्य सेवक के रूप में 550 से अधिक फैसले लिए। केवल फैसले ही नहीं लिए, अपितु सभी का वित्तीय प्रबंधन करते हुए शासनादेश निकाले, उन्हें धरातल पर उतारा है। किसी तरह की एंटी इनकंबेंसी नहीं है। पूरा उत्तराखंड तैयार है, सब लोग चाहते हैं कि नरेन्द्र मोदी के हाथ मजबूत हों। उत्तराखंड में ऐसी सरकार हो, जो विकास योजनाओं को और गति प्रदान करे। केंद्र सरकार के साथ कदमताल करे। लोग चाहते हैं कि केंद्र और राज्य में एक दिशा में सोचने वाली सरकार हो।

-ऐतिहासिक बहुमत की सरकार के कई मंत्री-विधायक कमजोर क्यों माने जा रहे हैं।

नहीं-नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है। पूरा जोश है सभी में। छोटी-मोटी अगर कोई कमजोरी है, तो वह भी जोश में बदल जाएगी। सबने अच्छा कार्य किया है, चाहे मंत्री हों या विधायक। सब एकजुटता से चुनाव में जा रहे हैं।

-आपके मुख्य प्रतिद्वंद्वी हरीश रावत की सबसे बड़ी कमजोरी और ताकत।

हरीश रावत की पार्टी ही उनकी सबसे बड़ी कमजोरी है। अच्छी बात यह है कि परिश्रमी हैं, मेहनत करते हैं।

-क्या टिकट वितरण के बाद दलबदल की आशंका है पार्टी को।

Uttarakhand Vidhan Sabha Chunav : टिकट तो एक ही को मिलेगा, लेकिन जो हमारे पुराने वरिष्ठ कार्यकर्त्ता हैं, लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, पार्टी उन सभी का सम्मान करती है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है, सबसे बड़ा नेतृत्व भी हमारे पास है और इसीलिए सबसे अधिक टिकट मांगने वाले भी भाजपा में ही हैं। एक-एक विधानसभा में 10 से 12 लोग टिकट के दावेदार हैं। प्रत्याशी कोई एक बनेगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बाकी अयोग्य हैं। देश, काल व परिस्थितियों के हिसाब से टिकट वितरण होगा। जिन्हें टिकट नहीं मिलेगा, पार्टी उनसे भी काम लेगी, उन्हें भी काम देगी। हमारी पार्टी अनुशासित है। टिकट मांगने वाले कार्यकर्त्ता बाद में अपने प्रत्याशी के लिए एकजुट हो जाते हैं।

-अपने राजनीतिक गुरु की ऐसी सीख जो इस चुनाव में काम आएगी।

गुरु तो हमेशा ही गुरु होते हैं। नेतृत्व कर रहा हूं तो टीम का कप्तान हूं। जो अच्छा होता है, उसका श्रेय सभी को देता हूं, कोई कमी रह जाती है तो स्वयं जिम्मेदारी लेता हूं। यही सबसे बड़ी सीख है।

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