देहरादून: Uttarakhand Legislative Assembly session विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बुधवार को सरकार की ओर से पेश लेखानुदान पारित किया जाएगा। इसके साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी।
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Uttarakhand Legislative Assembly session update:
कांग्रेस विधायक धरने पर बैठे
बुधवार को कांग्रेसी विधानसभा सत्र के दौरान धरने पर बैठ गए। हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने धरना शुरू किया।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में बुधवार की कार्य सूची तय की गई।
बुधवार को प्रश्नकाल नहीं हुआ। सबसे पहले निधन के निदेश लिए गए। इस दौरान पूर्व विधायक हरबंस कपूर और गोपाल ओझा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। बुधवार को सरकार की ओर से दो अध्यादेश भी विधेयक के रूप में पेश किए जा सकते हैं।
कार्यमंत्रणा से कांग्रेस नदारद
विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में भी कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं था। बताया गया कि नेता प्रतिपक्ष का चयन न होने के कारण पार्टी ने कार्यमंत्रणा के लिए अपना कोई प्रतिनिधि भी नामित नहीं किया।
यद्यपि, बैठक में कोरम पूरा था। बैठक में विधान
सभा अध्यक्ष के अलावा संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा विधायक खजानदास और बसपा विधायक दल के नेता मो. शहजाद उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री से मिले विधायक, उठाई जनसमस्याएं
वहीं विधानसभा सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भाजपा विधायकों ने मुलाकात की और उनके समक्ष जनसमस्याओं को उठाया।
विधायकों ने मुख्यमंत्री से गर्मियों के मद्देनजर बिजली व पानी का बिल जमा न करने वालों का कनेक्शन न काटे जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तियों से बिल एक साथ न लेकर किस्तों में लिए जाने की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने मनरेगा के अंतर्गत तैनात किए गए लोकपाल का वेतन देने और कोरोना के दौरान अस्पतालों में तैनात किए गए उपनल कर्मियों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें हटाने का विषय भी उठाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन प्रकरणों पर मुख्य सचिव को उचित दिशा-निर्देश देंगे। भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय ने बताया कि देर शाम अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री आनंद वद्र्धन ने संबंधित विभागों को कनेक्शन न काटे जाने के निर्देश जारी कर दिए।
विधायकों ने कोरोना काल के दौरान अस्पतालों में तैनात किए गए उपनल कर्मियों को निकाले जाने का मसला भी मुख्यमंत्री के सामने उठाया। विधायकों ने कहा कि कोरोना काल में इन उपनल कर्मियों ने पूरी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया।
कोरोना काल के कारण जनता के सामने अभी भी रोजगार का संकट खड़ा है। ऐसे में इन्हें निकाला जाना उचित नहीं है। इन्हें फिर से सेवायोजित करने के संबंध में विचार किया जाए। इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, सरिता आर्य व किशोर उपाध्याय मौजूद रहे।