उत्तराखण्ड खिलाड़ियों के भविष्य के साथ यूपीसीए कर रहा है खिलवाड़ः नौटियाल

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उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) के सचिव दिव्य नौटियाल ने कहा कि विगत वर्षों की भांति पुनः सत्र 2018-19 में भी उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) द्वारा अनाधिकृत रूप से उत्तराखण्ड को 12वां जोन बताते हुए अपनी मठाधीशी बनाये रखने के उद्देश्य से क्रिकेट एसोसिएशन आॅफ उत्तराखण्ड (सीएयू) को रजिस्ट्रेशन कराने का दायित्व दे दिया गया है।

सीएयू के पदाधिकारी भी अपने लालच में यूपीसीए के नुमाइन्दे बनकर पूरे प्रदेश में खिलाड़ियों को गुमराह करके उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करके प्रति खिलाड़ी रुपया 300 का पंजीकरण कराया जा रहा है. साथ ही खिलाड़ियों को चेतावनी भी दी जा रही है कि किसी अन्य संस्था से पंजीकरण कराने पर उत्तर प्रदेश की टीम से खेलने का अवसर नहीं दिया जाएगा।

यूपीसीए ने 12वां जोन के तौर एक मात्र देहरादून जनपद को मान्यता दी

दिव्य नौटियाल ने कहा कि, यूपीसीए ने 12वां जोन के तौर एक मात्र देहरादून जनपद को मान्यता दी है. ऐसे में उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों से 300 रुपये लिये जा रहे हैं. जबकि उनका चयन भी नहीं होना है. और यह गलत है. सीएयू गलत कर रही हे. प्रेस के माध्यम से सभी जिलों में जाकर प्रचार प्रसार कर रहे हैं।

दिव्य नौटियाल ने यह भी कहा कि, जब उत्तराखण्ड में क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता दिए जाने की लड़ाई उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट में लड़ी जा रही है. इस लड़ाई का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक मात्रा में प्रदेश के युवा खिलाड़ियों एवं प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपने खेल का प्रदर्शन करने का मौका देने का है।

उन्होंने यूपीसीए की कार्यप्रणाली पर अंसतोष व्यक्त करते हुए कहा कि, किस अधिकार से उनके दूसरे प्रदेश के पंजीकरण कराया जा रहा है, जबकि उत्तराखण्ड की मान्यता का मामला सुप्रीम कोर्ट में लम्बित है. उनके द्वारा यूपीसीए के विरूद्ध भी मानहानि का वाद दायर करने की बात कही गयी।

नौटियाल द्वारा प्रदेश के खेल प्रेमियों से भी अपील की है कि वह सभी यूपीसीए के खिलाफ प्रदर्शन करें एवं यह जानकारी मांगे कि विगत 10 वर्षों में उत्तराखण्ड के कितने खिलाड़ियों को यूपी की टीम से खेलने का मौका दिया गया।

उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों के साथ हो रहे अन्याय के विरूद्ध जोरदार आवाज उठाने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही बीसीसीआई को भी सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण यूपीसीए को प्रदेश में अनाधिकृत रूप से पंजीकरण कराने से रोकने के लिए पत्र प्रेषित किया जाएगा।

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