पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है कि प्रदेश में किसानों के बाद अब कारोबारियों में अवसाद की स्थिति बन रही है। दो ट्रांस्पोर्ट कारोबारियों की आत्म हत्या ऐसी परिस्थिति की प्रमाण है। प्रदेश सरकार को आगामी बजट में इस प्रकार की स्थिति का समाधान निकालना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय बजट को देश व प्रदेश के लिए पूरी तरह निराशा जनक बताए हुए इसको झूठ का पुलिंदा बताया। रावत सोमवार को तल्लीताल वैष्णव देवी मंदिर में हवन यत्र के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।
प्रदेश में सात किसान कर चुके आत्महत्या
तल्लीताल के नेशनल होटल में हुई प्रेस वार्ता में रावत ने कहा कि प्रदेश में सात किसान आत्म हत्या कर चुके हैं। ट्रांस्पोर्टर प्रकाश पांडे के बाद बलवंत भट्ट की आत्महत्या का मामला शामने आया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसको गंभीरता से लेना होगा। एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर इन हालतों से उभरने के लिए रास्ते खोजने होंगे। उन्होंने जनता से राय लेकर बजट बनाने की सरकार की कदम पर कहा कि चैपाल कर राय लेने के बाद उसे बजट में शामिल किया जाना चाहिए।
रावत ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में ग्रीन बोनस का कोई उल्लेख नहीं है। उद्योगों को 2025 तक एक्ससाइज ड्यूटी की छूट पर कोई ध्यान नहीं किया गया है। वेट व जीएसटी के बाद रिफंड 60 प्रतिशत रह गया है। सीमांत क्षेत्र बजट में 400 करोड़ की कटौती कर दी गई है। रेलवे को लेकर बजट पूरी तरह निराश कर गया है। मध्यवर्ग के लिए टैक्स छूट का दायर नहीं बढ़ाया गया है बल्कि सेस में एक प्रतिशत की वृद्धि कर जेब काटी गई है। किसान की आमदनी व पीएम स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर बजटीय प्राविधान नहीं बढ़ाया गया है केवल कोरी बयानबाजी तक सीमित है।