देहरादून। राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक आर्थिक विकास तथा उत्तराखंड में स्वरोजगार विकसित करने के लिए प्रयासरत सरोकार संस्था ने देहरादून में प्रदेश स्तरीय कार्यकारिणी का गठन किया। देहरादून के स्थानीय होटल में सरोकार की बैठक की अध्यक्षता करते हुए लोकेश नवानी ने कहा कि उत्तराखंड में पलायन की प्रक्रिया 200 साल पुरानी है। भारत में 20 प्रतिशत पहाड़ हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की 13 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। पहाड़ों को अनुपजाऊ और बेकार माना जाता रहा है। साथ ही उत्तराखंड का समाज वर्तमान में दिशाविहीन तथा विभाजित है, यही कारण है कि दुनिया में सबसे अधिक सामाजिक संगठन उत्तराखंडियों के ही हैं। यही वजह रही कि पृथक राज्य बन जाने के बावजूद हमारा समाज विभक्त है। उन्होंने सरोकार की राज्य स्तरीय इकाई से आग्रह किया कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दीर्घकालिक योजना बनाकर स्पष्ट एजेंडे के साथ काम करें। लक्ष्य निर्धारित कर ईमानदारी से उस पर कार्य करें।
बैठक की शुरुआत में सरोकार के अनिल चंद ने कहा कि हमें उत्तराखंड राज्य में उच्च शिक्षा, स्वरोजगार और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी विषयों पर कार्य करना होगा। पहाड़ों में रोजगार के साधन बेहद सीमित हैं। अतः हम सभी को मिलकर पहाड़ के लिए एकजुट होकर कार्य करना होगा। कार्यक्रम में धाद की शोभा रतूड़ी ने कहा कि महिला परिवार का प्रमुख कड़ी हैं। उनके सशक्त होने से पहले परिवार और फिर समाज ताकतवर बनता है।
डा. नूतन गैरोला ने कहा कि पहाड़ के सुदूरवर्ती गाँवों में आज भी महिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा बड़ा मुद्दा है। आज भी उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा की सुविधा न के बराबर हैं। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरोकार को काम करना होगा। पहाड़ों से हो रही मानव तस्करी को ज्ञानेन्द्र कुमार ने पहाड़ के लिए बड़ा खतरा बताया। सामाजिक कार्यकर्ता शीला रावत ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं को चुने हुए जनप्रतिनिधियों और शासन प्रशासन पर विकास कार्य करने के लिए प्रेशर ग्रुप की तरह कार्य करना चाहिए।
देहरादून में गरीब बच्चों को फ्री पढ़ाई के लिए सहयोग कर रहे अपने सपने संस्था के अरूण यादव ने कहा कि शहरों और गाँवों में गरीब बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा व्यवस्था समय की मांग है। यमकेश्वर के सुधीर बडोला ने कहा कि उत्तराखंड के सामाजिक संगठनों को एकजुट होकर पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए कार्य करना चाहिए।
पौड़ी से आए अर्जुन कोटियाल ने अभिनव शिक्षा पर अपने अनुभव साझा किए। शांति प्रकाश जिज्ञासु ने कहा सामाजिक संगठनों को पहाड़ के विकास के लिए कार्य करना चाहिए। पहाड़ में स्थानीय संसाधन आधारित स्वरोजगार के साधनों को विकसित किया जाना चाहिए। उत्तराखंड की सरोकार टीम में सुधीर बडोला संयोजक, अनिल चंद सह संयोजक , जेपी मैठाणी प्रमुख सलाहकार तथा शीला रावत व सीपी शर्मा कोषाध्यक्ष, मनीष ममगाई विधिक सलाहकार, अर्जुन कोटियाल पौड़ी समन्वयक और रजनी मुलासी व शीला रावत सोशल मीडिया प्रभारी बनाए गए। इस अवसर पर डॉ. नूतन गैरोला, नीरज डंगवाल, निम्मी बूड़ाकोटी, भार्गव चंदोला, ज्ञानेन्द्र कुमार, शिशुपाल रावत, अरूण के यादव, सुरेश नेगी, शोभा रतूड़ी आदि उपस्थित रहे।