उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ ब्लाक के जेष्ठवाड़ी गांव में एक वृद्ध 45 साल बाद अचानक अपने गांव लौटा।अब उसकी उम्र 84 साल हो गई है। परिवार वाले उसके आने से खुश नहीं है और उन्हें उनसे भावात्मक लगाव भी नहीं है । लेकिन वो वृद्ध ऐसे में कहां जाएंगे तो अभी फिलहाल प्रशासन के निर्देश अनुसार उन्हें गांव के राजकीय इंटर कॉलेज में क्वॉरेंटाइन किया गया है और उनके खाने-पीने की जो व्यवस्था है वह परिवार वाले ही देख रहे हैं। वही वृद्ध ने बताया की जालंधर के पास एक गुरुद्वारे में वह रह रहा था। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते गुरुद्वारा बंद हो गया इसके कारण वह हिमाचल के सोलन में चला गया। वृद्ध ने कहा हिमाचल प्रशासन की तरफ से दूसरे राज्यों के लोगों को वापिस उनके घर भेजा जा रहा । इस बीच पुलिस की उन पर नजर पड़ी और उनसे उनके घर की जानकारी ली और उसके बाद उसके घर के जाने की व्यवस्था कर दी गई ।
अब वृद्ध के पोता गांव का प्रधान बन गया है अजय अजय सिंह चौहान इस वक्त गांव के प्रधान और उन्होंन ने बताया कि दादा जब घर छोड़कर गए थे तब उनके पिता की उम्र 3 साल और ताऊ की उम्र 5 साल थी, आज उनके पिता 47 साल के हो गए है। उन्होंने उनकी खूब खोजबीन की लेकिन दादा की कोई जानकारी नहीं मिली ।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को तहसीलदार ने उन्हें फोन किया और कहा तुम्हारे दादा जिंदा है और वह सोलन से गांव पहुंचने वाले हैं। जब उन्होंने यह जानकारी अपनी दादी को दी तो दादी को काफी गुस्सा आया कहा कि मुश्किल समय में वो हमें छोड़ कर चले गए थे अब क्यों आ रहे हैं। अजय कहते हैं कि जरूर उनका दादा से खून का रिश्ता है लेकिन भावात्मक रिश्ता नहीं रह गया है।
लेकिन इतना जरूर है कि जब भी घर में दादाजी का जिक्र होता तो था ऐसा लगता था कि वह जिंदा है इसीलिए उन्होंने अपने दस्तावेजों में दादा को मृत नहीं घोषित किया है। वहीं अब दादा को गाँव के क्वारंटाइ सेंटर में रखा गया है जहां पर गांव के 10 लोग भी मौजूद है। परिवार के लोग वृद्ध व्यक्ति के खाने-पीने का इंतजाम किया है और उन्होंने यह भी कहा है कि जब क्वारंटाइन सेंटर से मुक्त हो जाएंगे तो घर के पास ही हुआ उनके लिए रहने का इंतजाम करा देंगे।
वैसे कोरोना एक खतरनाक बीमारी है लेकिन इसके कारण कई लोग कई साल बाद अपने परिवार से मिल रहे हैं तो कुछ लोग अपने घर सालों सालों बाद वापस आ रहे है।