National games in uttarakhand : राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने पहली बार 101 पदक जीतने का कीर्तिमान बनाया है। वुशु में राज्य की बेटी ज्योति ने पहला पदक दिलाया। जिसके बाद बॉक्सिंग, एथलेटिक्स, मॉडर्न पेंटाथलाॅन, जूडो, कैनोइंग और कयाकिंग, योगासन, लाॅनबाल और कुश्ती में खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर धमाल मचाया। पदक विजेताओं को सरकार अब पुरस्कार के रूप में तय धनराशि और नौकरी देगी।
Ranveer Allahbadia Row : रणवीर इलाहाबादिया ने सभी एफआईआर को साथ जोड़ने के लिए दायर की याचिका
राज्य को छह स्वर्ण सहित सबसे अधिक 14 पदक मिले
राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का सबसे शानदार प्रदर्शन मॉडर्न पेंटाथलाॅन में रहा। जिसमें ममता खत्री, मोनिका, मंजू गोस्वामी, सक्षम सिंह, नीरज नेगी, लाल सिंह ने स्वर्ण पदक जीता। इसमें राज्य को छह स्वर्ण सहित सबसे अधिक 14 पदक मिले। कैनोइंग और कयाकिंग में पांच, बॉक्सिंग में तीन, एथलेटिक्स, ताइक्वांडो और जूड़ो में दो-दो स्वर्ण पदक मिले।
बॉक्सिंग में राज्य के कपिल पोखरिया, निवेदिता कार्की और नरेंद्र सिंह ने अपने पंच से सोना जीता। वहीं, एथलेटिक्स में अंकिता का सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा। इस स्पर्धा में राज्य को पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाली अंकिता ध्यानी ने महिला वर्ग की 3000 और 5000 मीटर रेस में एक-एक स्वर्ण पदक जीता। जबकि 10 हजार मीटर रेस में रजत पदक दिलाया।
कुश्ती में उत्तम राणा, महिला कयाकिंग में सोनिया व रोजी देवी, मीरा दास, प्रभात कुमार, जूड़ाें में सिद्धार्थ रावत, ताइक्वांडों में पूजा, लाॅनबाल में उतत्कृष्ट द्विवेदी, योगासन में रोहित यादव, शशांक शर्मा, प्रियांशु, अजय वर्मा, कैनोइंग व कयाकिंग में रीना सैन और वुशु में अचोम तपस सहित कई खिलाड़ियों ने राज्य के लिए सोने, चांदी की चमक बिखेरी।
स्वर्ण पदक विजेता को प्रति स्वर्ण पदक 12 लाख रुपये मिलेंगे
राष्ट्रीय खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों को तय धनराशि के रूप में छह से लेकर 32 लाख रुपये तक मिलेंगे। कांस्य पदक विजेता को छह लाख रुपये की धनराशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। जबकि स्वर्ण पदक विजेता को प्रति स्वर्ण पदक 12 लाख रुपये मिलेंगे।
सबसे शानदार प्रदर्शन एथलेटिक्स में अंकिता ध्यानी कर रहा है। जिसने दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है। जिसे तय पुरस्कार की धनराशि के रूप में 32 लाख रुपये मिलेंगे।
सरकार राष्ट्रीय खेलों के पदक विजेता खिलाड़ियों को प्रति पदक तय धनराशि पुरस्कार के रूप में देगी। उन्हें नौकरी भी मिलेगी। इसके लिए पहले से नीति बनी हुई है। -रेखा आर्या, खेल मंत्री