हाई कोर्ट ने निकाय चुनाव मामले में सरकार की हीलाहवाली पर नाराजगी जताते हुए पूछा है कि सरकार द्वारा समय पर तैयारियां क्यों पूरी नहीं की गई। कोर्ट ने 23 अप्रैल तक निकायों के परिसीमन का कार्य पूरा कर रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपने के आदेश सरकार को दिए हैं। मंगलवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में राज्य निर्वाचन आयोग की याचिका पर सुनवाई हुई।
आयोग ने याचिका में कहा था कि सरकार द्वारा तय समय सीमा के भीतर चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। राज्य के निकायों का कार्यकाल तीन मई को समाप्त हो रहा है, इससे पहले चुनाव कराना संवैधानिक बाध्यता है। सरकार को इसकी सूचना देने के बाद नौ मार्च को आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम तय कर लिया था। जिसके अनुसार 19 मार्च तक मतदाता सूची तैयार करने, दो अप्रैल को चुनाव अधिसूचना जारी करने, चार अप्रैल को नामांकन, 29 अप्रैल को मतगणना व पांच मई को निकायों का गठन होना था।
कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार ने नहीं किया परिसीमन
आयोग का कहना था कि परिसीमन को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार द्वारा परिसीमन नहीं किया गया। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। सरकार द्वारा चुनाव शेड्यूल तैयार कर चुनाव आयोग को दे दिया गया है। सरकार 23 अप्रैल तक परिसीमन की अंतिम सूची जारी कर देगी। सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि निकाय चुनाव की तैयारी पिछले साल छह अप्रैल से शुरू कर दी थी। पर जनवरी में याचिकाएं हाई कोर्ट में आ गई तो स्थगनादेश हो गया।
नई एक्सरसाइज करने में तीन माह का समय लग गया। सरकार ने यह भी बताया कि 11 मई को आरक्षण तय करने के उपरांत 12 मई को रिपोर्ट आयोग को सौंप दी जाएगी। एकलपीठ ने 23 अप्रैल तक परिसीमन की कार्रवाई पूरी कर रिपोर्ट आयोग को देने का आदेश पारित करते हुए अगली सुनवाई 24 अप्रैल नियत कर दी।