केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि पंतनगर विवि का देश में हरित क्रांति लाने में अहम योगदान रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा करने में इस विवि को अहम योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-2019 में तीन वर्षों के लिए 25 करोड़ की कौशल विकास योजना दी जाएगी। इसके तहत मानव संसाधन विकास के लिए यहां के छात्रों को विदेश में जाने का भी मौका भी मिलेगा। इस योजना के लिए विश्व बैंक से समझौता किया गया है।
जीबी पंत कृषि और प्रौद्योगिक विवि में आयोजित 103 वें अखिल भारतीय कृषि मेले और कृषि उद्योग प्रदर्शनी के समापन अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसान को मजबूत करके ही गांव मजूबत होंगे। उन्होंने कहा कि हम मंगल पर चले गए हैं लेकिन किसानी के क्षेत्र में कोई क्रांति नहीं हुई थी। भाजपा की अटल सरकार और अब मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई हैं।
उन्होंने कहा कि मिट्टी अगर बीमार होगी तो किसान समृद्ध हो सकता। इसके देखते हुए देश में 9 हजार स्वाइल हेल्थ टेस्टिंग लैब बनाई गई हैं। 10 करोड़ किसानों को स्वाइल हेल्थ कार्ड मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि ई-मार्केटिंग से 22 हजार रुरल माल्ट को जोड़ने की योजना बनाई गई है। कृषि विकास के लिए 5 हजार करोड़ का कारपस फंड बनाया गया है। इंट्रीगेट्रेट फार्मिंग के 45 मॉडल विकसित किए गए हैं। केन्द्रीय मंत्री राधामोहन ने कहा कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि देश बदल गया है लेकिन यह साफ दिखाई दे रहा है कि देश बदलने की राह पर चला गया है।
अब पंतनगर में ही बनाएंगे ब्रीडर बीज
केन्द्रीय मंत्री राधामोहन ने कहा कि रागी और साबा की विशेष प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विवेकानंद कृषि अनुसंधान केन्द्र से बीजों से विधयन के लिए कर्नाटक भेजना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब पंतनगर विवि को ही ब्रीडर बीज काम सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बीज निगम ने पहली बार बीज विधायन संयंत्र तैयार किया है। इससे पर्वतीय क्षेत्र में बीज उत्पादन में आ रही कठिनाइयां दूर होंगी।