रसायन और उर्वरक मामलों की संसदीय समिति में शामिल सांसदों की बयानबाजी ने 2019 के आम चुनावों में राज्यों के लिहाज से नए सियासी समीकरणों का संकेत दे दिया है। बिहार के सासाराम से सांसद छेदी पासवान ने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्तालोलुप करार देते हुए जेडीयू को बिहार गंठबंधन में बड़ा भाई मानने से ही इन्कार कर दिया।
सरोवर नगरी पहुंची संसदीय समिति में शामिल भाजपा सांसद छेदी पासवान ने जेडीयू को बड़ा भाई और बिहार में एनडीए का चेहरा नीतीश को मानने से इन्कार करते हुए कहा कि शराबबंदी, मिट्टी पर पाबंदी जैसे फैसलों से नीतिश की छवि पर असर पड़ा हैं। किसानों की बदहाली के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि परंपरागत के बजाय मिश्रित खेती, मत्स्य पालन से किसानों की आर्थिकी सुधरेगी। साफ किया कि यदि चुनाव में नीतीश चेहरा बने तो भाजपा को नुकसान होगा।
ममता सबसे बड़ी मौकापरस्तः जार्ज
संसदीय समिति में शामिल पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद जॉर्ज बेकर ने हालिया पंचायत चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा के लिए सीएम ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि बंगाल में कृषि, उद्योग, नौकरियां आदि सब बंद है, मगर सीएम ममता बंगाल में रोहिंग्या मुसलमानों को राजनीतिक संरक्षण दे रही हैं। बेकर ने कहा कि ममता सबसे बड़ी मौकापरस्त है। साथ ही कहा कि बंगाल में लोकतंत्र खत्म हो चुका है और आतंक का राज चल रहा है।
उड़ीसा में एक बार फिर बीजेडी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की छवि भुनाएगी। पार्टी के जगतसिंहपुर से सांसद कुलामणि समल ने कहा कि पटनायक के नेतृत्व में हर क्षेत्र में तरक्की हुई। उन्होंने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर सियासी हमला बोलते हुए साफ कहा कि भाजपा, कांग्रेस में से दूरी बनाकर बीजेडी चलेगी।