जहर खाने से गंभीर मां-बेटी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराकर मोर्चरी में रखवा दिया। इस घटना से गांव में हड़कंप मचा है। शनिवार को एक श्रमिक ने अपने परिवार को जहर खिला कर खुद भी आत्महत्या कर ली थी। इसमें श्रमिक की एक बेटी ने शनिवार को ही दम तोड़ दिया था।
मकान नंबर 117 काकादेव नार्थ ब्लॉक, तुलसीनगर कानपुर शहर निवासी अंशुमान सिंह ने आर्थिक तंगी से आजिज आकर शनिवार को पत्नी सरिता, बेटी 15 वर्षीय दिव्यांशी व 13 वर्षीय हिमांशी को जबरन जहर खिला दिया था। बेटा 11 वर्षीय रुद्रप्रताप व सात वर्षीय बेटी आर्या को भी जहर दे उसने इसे खुद भी खा लिया था।
अंशुमान व दिव्यांशी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि हालत बिगडने पर मकान स्वामी ने सरिता व हिमांशी को एंबुलेंस सेवा 108 से एलडी भट्ट अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से गंभीर हालत में दोनों को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां सरिता व हिमांशी की इलाज के दौरान शनिवार देर रात मौत हो गई।
भाई-बहन की कौन करेगा परवरिश
माता-पिता व दो बहनों की मौत के बाद अनाथ रुद्रप्रताप व आर्या की परवरिश कौन करेगा। रुद्र के ननिहाल की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि दोनों का लालन-पालन कर सके। हालांकि रुद्र के मामा ग्राम व थाना भराव जिला भदोही निवासी रवि ने मोबाइल पर बताया कि भांजा व भांजी का लालन-पालन वह खुद करेंगे और दोनों को साथ घर ले जाएंगे। इधर, जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ. रजनीश बत्रा ने बताया कि यदि सरिता के मायके वाले बच्चों को ले जाने से मना कर देंगे तो उन्हें बाल कल्याण गृह में रखा जाएगा और बेहतर शिक्षा दिलाई जाएगी।