कोटद्वार। Kendriya Vidyalaya in Kotdwara : रविवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कोटद्वार क्षेत्र की जनता को केंद्रीय विद्यालय की सौगात दे सकते हैं। सैन्य बाहुल्य कोटद्वार क्षेत्र की जनता पिछले कई वर्षों से क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की मांग करती आ रही है।
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कोटद्वार क्षेत्र की साठ फीसद से अधिक आबादी सैन्य पृष्ठभूमि से ताल्लुक
करीब ढाई लाख की आबादी वाले कोटद्वार क्षेत्र की साठ फीसद से अधिक आबादी सैन्य पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखती है। शायद यही कारण है कि क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय स्थापना की मांग वर्षों पुरानी है। उत्तर प्रदेश शासनकाल में तो कोई सुनने वाला न था। लेकिन, उत्तराखंड राज्य गठन के बाद भी आज तक क्षेत्र की जनता की यह मांग पूरी नहीं हो पाई है। कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्रों तक सिमट कर रह गई है।
Kendriya Vidyalaya in Kotdwara : वर्ष 2007 में सैन्य परिवारों ने सेना की मध्य कमान के तत्कालीन जीओसी इन चीफ ओपी नंद्राजोग के समक्ष केंद्रीय विद्यालय की मांग उठाई। लेकिन, मांग पर धरातल में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से आज तक कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय को मंजूरी नहीं दी गई।
झंडीचौड़ पश्चिमी में केंद्रीय विद्यालय के नाम पर आठ एकड़ भूमि स्वीकृत
हालांकि, शासन के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन ने झंडीचौड़ पश्चिमी में केंद्रीय विद्यालय के नाम पर आठ एकड़ भूमि स्वीकृत कर दी है। पिछले दिनों क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्री से भी मिले। साथ ही इस संबंध में केंद्रीय स्तर के अधिकारियों से भी वार्ता की। ऐसे में पूरी संभावना है कि रविवार को डा. हरक सिंह रावत के जन्मदिवस के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कोटद्वार क्षेत्र को केंद्रीय विद्यालय की सौगात दे सकते हैं।
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