गुरुवार को हिमालयी क्षेत्र के भौगोलिक,सामाजिक और सांस्कृतिक अध्ययन के लिए शुक्रवार को डा. नित्यानंद हिमालयी शोध एवं अध्ययन केंद्र का शिलान्यास किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह केंद्र की नींव का पत्थर रखेंगे। दून विश्वविद्यालय परिसर में मीडिया से बातचीत में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत केंद्र के बाबत जानकारी दी।
इस केंद्र का निर्माण दून विश्वविद्यालय परिसर में किया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि वर्ष 2019-20 के शैक्षिक सत्र से केंद्र में पठन-पाठन कार्य शुरू हो जाए। केंद्र का प्रशासनिक ढांचा तीन माह के भीतर तैयार कर लिया जाएगा। हिमालयी शोध एवं अध्ययन संस्थान संस्थान को सरकार ने डॉ. नित्यानंद को समर्पित किया है। कल शुक्रवार को उनका जन्मदिन भी है।
कई निर्धन छात्र-छात्राओं को दी छात्रवृत्तियां
मूलरूप से आगरा के निवासी डॉ. नित्यानंद ने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा उत्तराखंड की सेवा में ही बिताया। भारतीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा को उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन से जोड़ने का श्रेय भी उन्हें ही है। 20 अक्टूबर 1991 में उत्तरकाशी में हुए भूकंप के वो पूरी तरह से यहीं के होकर रह गए। खासकर शिक्षा के प्रसार में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। अपनी पेंशन से उन्होंने कई निर्धन छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्तियां दी। आठ जनवरी 2016 को देहरादून में उनका निधन हो गया था। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण में डॉ. नित्यानंद का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। उत्तराखंड आंदोलन को गलत हाथों में जाता देख उन्होंने संघ को इसके समर्थन के लिए तैयार किया।