कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने पिछली विधानसभा चुनाव की हार को भूल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होकर पार्टी के लिए काम करने का आह्वान किया। कार्यकर्ताओं ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की गई।
कार्यकर्ताओं ने बताया कि क्षेत्र के जंगलों में सैकड़ों परिवार निवास करते हैं, इनका अभी तक पुनर्वास नहीं किया गया है। अब राजाजी टाइगर रिजर्व को बफर जोन में शामिल करने के कारण वन कर्मी गुर्जरों को परेशान करते हैं। किशोर ने बताया कि अब वो एक नया आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं। कहा कि पहले भी पहाड़ों की महिलाएं जंगलों से लकड़ी लेकर आया करती थी, लेकिन अब उसको सब भूलने लगे हैं। बताया कि 30 अप्रैल को देहरादून के निगम हाल में उसी परंपरा को शुरू करने का प्रयास किया जाए। उन्होंने डीएफओ को फोन कर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिलाया। बैठक में पूर्व महानगर नगर अध्यक्ष अंशुल श्रीकुंज, सुमित तिवारी, गुरजीत लहरी, शमशेर भड़ाना, नंदराम, गुलाम मुस्तफा, विजेंद्र सैनी, युसूफ, खुर्शीद भड़ाना मौजूद रहे।
संकट की घड़ी में तो सांप ओर नेवला भी हो जाते हैं एक
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि संकट की घड़ी में तो सांप ओर नेवला भी एक हो जाते हैं। फिर नेताओं को कांग्रेस की इस संकट की घड़ी में एक होने में क्या हर्ज है। सोमवार को किशोर उपाध्याय लालढांग क्षेत्र के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से औपचारिक मुलाकात कर रहे थे। इस दौरान पिछली विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त की शिकन उनकी जुबां पर आ ही गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने उत्तराखंड के वरिष्ठ कांग्रसियों पर भरोसा जताया था, लेकिन आपसी मनमुटाव के कारण विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा।