उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से आयोजित कार्यशाला में आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में बेहद कम सुधार हो रहा है, जबकि बच्चों को गुणवत्ता परक शिक्षा देने की जरूरत है। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा शिक्षा के लिए आयोग की गाइड लाइन का केवल 30 फीसदी एंप्लीमेंट होने पर चिंता जताई। कहा कि विश्वबैंक की रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा की गुणवत्ता नहीं होने वाले देशों में भारत दूसरे नंबर पर है, जो हमारे लिए बेहद अफसोसजनक और शर्म की बात है।
ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज के सभागार में बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा की जागरूकता, प्रशिक्षण और कार्यशाला का एक दिवसीय आयोजन शुक्रवार को किया गया। मुख्य अतिथि आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूडी ने अपने संबोधन में राष्ट्रीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण अनुसंधान परिषद (एनसीईआरटी) की तरफ से कराए गए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) के आंकड़े बताते हुए कहा कि आठवीं तक के बच्चों का गणित, भाषा, सामाजिक विज्ञान में 50 से 30 फीसदी बच्चे प्रश्नों के जवाब दे पाना चिंता का विषय है।
ये सर्वे देश के 700 जिलों के एक लाख बच्चों पर किया गया था। एनएएस ने देश में 10 लाख योग्य शिक्षकों की कमी बताई। कहा कि विश्वबैंक की रिपोर्ट जिसके अनुसार दुनिया के 12 देशों की शिक्षा में गुणवत्ता की कमी है और हमारा देश उस सूची में दूसरे नंबर पर है, जो शर्मनाक है। भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ ने कहा कि शिक्षा वस्तुनिष्ठ नहीं बल्कि सत्यनिष्ठ होनी चाहिए।
प्रत्येक बच्चे को है जीने का, शिक्षा और सुरक्षा का अधिकार
लद्दाख से आए बौद्धधर्म गुरु शांता केलिनी ने बच्चों की शिक्षा, अनुशासन और आचरण के लिए बौद्धग्रंथ विनयपीटक और सूतपिटक के संदर्भ अंश सुनाए और बच्चों तथा अभिभावकों से अच्छे नागरिक बनने के लिए उनका अनुकरण करने का आह्वान किया। इस्लाम के जानकार अब्दुल रबजी ने बताया कि बच्चों की तालीम और तरबीयत में ढील होने से एक बदनुमा समाज की तस्कील होना बताया। ज्ञानी शमशेर सिंह ने फरमाया कि परमपिता से जीवन लेने वाले प्रत्येक बच्चे को जीने का, शिक्षा और सुरक्षा का अधिकार है। विद्या केवल कमाई के लिए नहीं बल्कि परोपकार के लिए होती है।
कहा कि बच्चों को बेहतर बनाने के लिए मां बाप को भी अच्छा बनना पड़ेगा। आयोग के सचिव विनोद रतूड़ी ने सभी धर्माचार्यों, विभागीय अधिकारियों, अध्यापकों और बच्चों का कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आभार जताया। कार्यक्रम में आयोग की अनुसचिव कामिनी गुप्ता, मोहम्मद नाजिर, डीईओ बेसिक ब्रह्मपाल सैनी, बीईओ बहादराबाद अजय चैधरी, बीईओ रुड़की श्रीकांत पुरोहित, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपराज अग्निहोत्री, एसीएमओ डॉ.एचडी शाक्य, डॉ. सुनील जोशी, रमसा के र्कोडिनेटर डॉ. संतोष चमोला सहित बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। वहीं विभिन्न स्कूलों के बच्चे और अध्यापक उपस्थित रहे।