गुरुवार देर रात आर्यनगर चैक के समीप बंद दुकान में आग लग गई। दमकल विभाग के कर्मचारियों ने दुकान का शटर तोड़कर बहुत मुश्किल से आग पर काबू पाया। दुकान में प्रिटिंग मशीन लगी हुई है।
गुरुवार देर रात को साथ के दुकानदारों ने बंद दुकान से धुआं निकलता देखा तो उन्होंने इसकी सूचना दुकान स्वामी व दमकल विभाग को दी। थोड़ी ही देर में दुकान के अंदर से आग की लपटें निकलनी शुरू हो गईं। इससे पहले दमकल विभाग की गाड़ी आती दुकान में आग ने प्रचंड रूप धारण कर लिया। दुकान के अंदर कागज काफी मात्रा में था। जिस कारण आग ने चंद मिनटों के अंदर ही प्रचंड रूप धारण कर लिया। आसवास के दुकानदारों में हड़कंप मच गया। दुकानदारों ने अपनी ओर से आग पर काबू पाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई।
दमकल विभाग के कर्मचारियों ने आकर दुकान का शटर तोड़ा और कड़ी मशक्कत के साथ आग पर पाबू पाया। दमकल विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राजेंद्र खाती ने बताया कि बंद दुकान में आग कैसे लगी इसके कारणों की जांच की जा रही है। नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
हल्द्वानी में झोलाछाप डॉक्टर की दवा खाने से महिला की मौत
सर्दी-जुकाम की शिकायत के बाद एक झोलाछाप डॉक्टर की दवा खाने से महिला की तबीयत और बिगड़ गई। गंभीर हालत में महिला को पहले सीएचसी, फिर एसटीएच लाया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले में पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गई है।
मूलतः सलड़ी, भीमताल निवासी भुवन चंद्र बेरीपड़ाव, खड़कपुर में पत्नी सीता और तीन बच्चों संग रहते हैं। भुवन मजदूरी कर परिवार का पालन कर रहे हैं। भुवन ने बताया कि करीब एक सप्ताह से पत्नी सीता (30) को सर्दी-जुकाम की शिकायत थी। गुरुवार सुबह ज्यादा दिक्कत होने पर उन्होंने पड़ोस के एक बच्चे को नजदीकी झोलाछाप डॉक्टर के पास दवा लेने भेज दिया। कथित डॉक्टर ने कुछ गोलियां बच्चे को दीं, जिन्हें खाने के बाद सीता की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई।
भुवन पत्नी को लेकर सीएचसी मोटाहल्दू पहुंचे, लेकिन यहां से उसे एसटीएच रेफर कर दिया गया। एसटीएच पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मेडिकल चैकी प्रभारी हरेंद्र नेगी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। बताया कि मामले में पीड़ित ने कोई तहरीर नहीं दी है। शिकायत आने पर जांच की जाएगी।