पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट नमामि गंगे परियोजना को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जबरदस्त हमला बोला है। हरीश रावत ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के 4 साल के कार्यकाल में गंगा साफ होने के बजाय और मैली हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार नमामि गंगे की विफलता का ठीकरा देश के आम आदमी पर फोड़ रही है, इसी साजिश के तहत ही अस्थि विसर्जन और जल समाधि से गंगा के मैली होने की बयानबाजी कर आम आदमी को इनके लिए दोषी ठहरा रही है।
गंगा की 4 सालों में हो गई और ज्यादा दुर्दशा
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मंगलवार को हरिद्वार पंहुचे और केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। गंगा के तट पर स्थित जयराम आश्रम में हरीश रावत ने कहा कि जिस गंगा को मां बताकर उसे साफ करने के नाम पर मोदी सत्ता में आये उसी गंगा की 4 सालों में और ज्यादा दुर्दशा हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने गंगा की सफाई को लेकर अभी तक कोई काम नही किया है।
रावत ने कहा कि पूर्व सरकार द्वारा गठित गंगा बेसिन अथॉरिटी द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं के अलावा एक भी नयी परियोजना 4 सालों में गंगा की सफाई को लेकर नहीं बनाई गई इसकी पुष्टि कैग ने भी अपनी ताजा रिपोर्ट में की है। उन्होंने कहा कि मोदी और उनके नेता देश की परम्पराओं और आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। हरीश रावत ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में गंगा पहले से ज्यादा मैली हो गई है और ऐसे लेकर सरकार पर उंगली न उठे इसीलिए उल्टी सीधी बयानबाजी कर देश के लोगो का ध्यान बांटने की साजिश की जा रही है।
हरीश रावत ने उत्तराखंड में भाजपा सरकार की खनन नीति को भी सवालों के कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में रेत बजरी 40 रुपये के आसपास बिक रही थी तब भाजपा ने हाय तौबा मचा रखी थी और तब भाजपा कहती थी कि राज्य में खनन पर हरदा टैक्स लिया जा रहा है।
जबसे भाजपा की राज्य में सरकार आई है तबसे रेत बजरी 125 रुपये से लेकर 175 रुपये तक बिक रही है। रावत ने चुटकी लेते हुए कहा कि भाजपा बताए कि राज्य में रेत बजरी पर अब नरेंद्र दा टैक्स, अमित दा टैक्स या टीएसआर टैक्स में से कौन सा टैक्स लिए जा रहा है।