चमोली में फटा बादल, कई मवेशी मरे

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उत्तराखंड में एकबार फिर मौसम ने अपने तेवर बदल लिए हैं। चमोली जिले के चांई गांव में बादल फटने से गोशाला में बंधे कई मवेशियों के मरने की खबर है। घरों के आसपास मलबा भी एकत्र हो गया है, जबकि सड़क, खेतों और पैदल मार्ग को भारी क्षति पहुंची है। गनीमत रही कि घटना में किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है। हालांकि, शासन प्रशासन बादल फटने की इस घटना से इंकार कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर नैनीताल जिले के लालकुंआ क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से एक की मौत हो गई है।

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सुबह से ही मौसम के मिजाज तल्ख हैं। कुमाऊं से लेकर गढ़वाल में बारिश होने से अलग-अलग जगह मार्गों पर मलबा आ गया है। वहीं चमोली जिले में अतिवृष्टि के बाद बादल फटने की बड़ी घटना सामने आ रही है। माना जा रहा है कि बादल गुरुवार की देर रात चांई गांव में फटा है। इससे गोशाला, खेतों और सड़क मार्ग को भारी क्षति पहुंची है। साथ ही कई जानवरों के मरने की सूचना भी है।

बादल फटने की घटना के बाद गांव के ऊपर पहाड़ी से निकल रहा नाला तीन हिस्सों में बंट गया है। जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। इस घटना के बाद से ही लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। गनीमत है इस घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है।

बिंदुखत्ता के इंदिरा नगर निवासी पूर्व सैनिक उमेद सिंह पुत्र मेहरबान सिंह की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। दरअसल, सुबह से ही मौसम खराब था। इस बीच 55 वर्षीय उमेद खेत से जानवर भगाने गए थे। तभी आकाशीय बीजली ने उन्हें अपनी चपेट में लिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

सिंयाडी में बारिश से मार्ग में आया मलबा

वहीं, जिले में भी सुबह से बारिश हो रही है। जिसके चलते राष्ट्रीय राजमार्ग पर चंपावत और टनकपुर के बीच सन्यासी और अमरू बैंड में मलबा आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया था। इससे यहां जाम की स्थिति पैदा हो गई। मार्ग बंद होने से आवाजाही करने वाले कई वाहनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया। जिसके बाद नौ बजे तक मार्ग खुल पाया और आवाजाही शुरू हो पाई। बारिश के कारण एनएच पर कई स्थानों में जलभराव और कीचड़ होने के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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