मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने थानों में जलागम प्रबंधन विभाग द्वारा संचालित ग्राम्या-2 परियोजना अन्तर्गत स्थापित एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर का लोकार्पण किया। उन्होंने ग्रोथ सेंटर में बनाये जा रहे उत्पादों का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्रोथ सेंटर के कैटलॉग का विमोचन किया एवं स्थानीय लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष के चेक भी वितरित किये। स्थानीय किसानों और युवाओं को विभिन्न कृषि एवं गैर कृषि आधारित उत्पादों के संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन केन्द्र के रूप में थानों में कृषि पर आधारित ‘‘ ग्राम्यनिधि’’ ग्रोथ सेंटर बनाया गया है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति दी जा चुकी है। सभी ग्रोथ सेंटर अलग-अलग कांसेप्ट पर तैयार किये जा रहे हैं। राज्य सरकार हर न्याय पंचायत पर एक ग्रोथ सेंटर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि थानों क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि काफी है। खेती का सदुपयोग करते हुए यहां कई ग्रोथ सेंटर बनाये जा सकते हैं। थानों में बनाये गये ग्रोथ सेंटर में पैकेजिंग और ब्रांडिग अच्छी की गई है। हमें स्थानीय उत्पादों को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है। स्थानीय उत्पादों की मार्केट में डिमांड भी बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर को और अधिक विस्तार दिये जाने की जरूरत है। ग्रोथ सेंटर में हमेशा सामान इतना होना चाहिए कि लोगों को डिमांड पर शीघ्र उपलब्ध हो जाय।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारे युवाओं को कर्मवीर बनना होगा। हमें अपनी क्षमताओं को पहचानना होगा। स्वरोजगार के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनेक कार्य हो सकते हैं। इससे युवा दूसरों को भी अपने साथ रोजगार दे सकते हैं। युवाओं को ऐसे ग्रोथ सेंटरों में जरूर आना चाहिए। इससे उनके मन में स्वरोजगार की दिशा में कार्य करने के लिए नये विचार आयेंगे। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं एमएसएमई के तहत अनेक क्षेत्रों में कार्य किये जा सकते हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर युवा काफी आमदनी अर्जित कर सकते हैं। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने एवं चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार के लिए हमें स्थानीय स्तर पर हर प्रकार के उत्पाद तैयार करने होंगे। उन्होंने कहा कि थानों एवं कोटाबाग में ग्राम लाईट की जो शुरूआत हुई है। इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ना होगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि आने वाले त्योहारों में हम सभी स्थानीय उत्पादों का प्रयोग करें। कुछ अच्छे डिजायनरों द्वारा विभिन्न उपकरणों के बनाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जायेगी।
जलागम मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर की सबसे अच्छी विशेषता है कि इसे स्थानीय किसानों का संगठन ‘मालकोटी स्वायत्त सहकारिता’ संचालित करेगा। जिसमें 11 राजस्व ग्रामों के 17 कृषक समूहों के 257 कृषक जुड़े हैं। यह खुशी की बात है कि ‘ मालकोटी स्वायत्त सहकारिता’ कृषक संघ द्वारा एक साल में 13.27 लाख का व्यवसाय किया गया जिसमें 6.83 लाख का शुद्ध लाभ प्राप्त किया। संघ के जुड़े किसानों ने प्रसंस्कृत और बेकरी उत्पादों के साथ-साथ संरक्षित नर्सरी में पौधे उगाकर उनका विक्रय भी किया है। इस ग्रोथ सेंटर के बनने से आस-पास के किसानों को भी फायदा मिलेगा। यह प्रसन्नता का विषय है कि ग्रोथ सेंटर में 35 से अधिक कृषि एवं गैर कृषि उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय जलागम परिषद श्री ज्योति प्रसाद गैरोला, भाजपा के जिलाध्यक्ष श्री शमशेर सिंह पुंडीर, उत्तराखण्ड वन पंचायत के उपाध्यक्ष श्री करण बोहरा, सचिव श्रीमती राधिका झा, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक ग्राम्या-2 श्रीमती नीन ग्रेवाल, मुख्य विकास अधिकारी देहरादून सुश्री निकिता खण्डेलवाल आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति दी जा चुकी है। सभी ग्रोथ सेंटर अलग-अलग कांसेप्ट पर तैयार किये जा रहे हैं। राज्य सरकार हर न्याय पंचायत पर एक ग्रोथ सेंटर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि थानों क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि काफी है। खेती का सदुपयोग करते हुए यहां कई ग्रोथ सेंटर बनाये जा सकते हैं। थानों में बनाये गये ग्रोथ सेंटर में पैकेजिंग और ब्रांडिग अच्छी की गई है। हमें स्थानीय उत्पादों को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है। स्थानीय उत्पादों की मार्केट में डिमांड भी बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर को और अधिक विस्तार दिये जाने की जरूरत है। ग्रोथ सेंटर में हमेशा सामान इतना होना चाहिए कि लोगों को डिमांड पर शीघ्र उपलब्ध हो जाय।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारे युवाओं को कर्मवीर बनना होगा। हमें अपनी क्षमताओं को पहचानना होगा। स्वरोजगार के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनेक कार्य हो सकते हैं। इससे युवा दूसरों को भी अपने साथ रोजगार दे सकते हैं। युवाओं को ऐसे ग्रोथ सेंटरों में जरूर आना चाहिए। इससे उनके मन में स्वरोजगार की दिशा में कार्य करने के लिए नये विचार आयेंगे। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं एमएसएमई के तहत अनेक क्षेत्रों में कार्य किये जा सकते हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर युवा काफी आमदनी अर्जित कर सकते हैं। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने एवं चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार के लिए हमें स्थानीय स्तर पर हर प्रकार के उत्पाद तैयार करने होंगे। उन्होंने कहा कि थानों एवं कोटाबाग में ग्राम लाईट की जो शुरूआत हुई है। इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ना होगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि आने वाले त्योहारों में हम सभी स्थानीय उत्पादों का प्रयोग करें। कुछ अच्छे डिजायनरों द्वारा विभिन्न उपकरणों के बनाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जायेगी।
जलागम मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर की सबसे अच्छी विशेषता है कि इसे स्थानीय किसानों का संगठन ‘मालकोटी स्वायत्त सहकारिता’ संचालित करेगा। जिसमें 11 राजस्व ग्रामों के 17 कृषक समूहों के 257 कृषक जुड़े हैं। यह खुशी की बात है कि ‘ मालकोटी स्वायत्त सहकारिता’ कृषक संघ द्वारा एक साल में 13.27 लाख का व्यवसाय किया गया जिसमें 6.83 लाख का शुद्ध लाभ प्राप्त किया। संघ के जुड़े किसानों ने प्रसंस्कृत और बेकरी उत्पादों के साथ-साथ संरक्षित नर्सरी में पौधे उगाकर उनका विक्रय भी किया है। इस ग्रोथ सेंटर के बनने से आस-पास के किसानों को भी फायदा मिलेगा। यह प्रसन्नता का विषय है कि ग्रोथ सेंटर में 35 से अधिक कृषि एवं गैर कृषि उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य स्तरीय जलागम परिषद श्री ज्योति प्रसाद गैरोला, भाजपा के जिलाध्यक्ष श्री शमशेर सिंह पुंडीर, उत्तराखण्ड वन पंचायत के उपाध्यक्ष श्री करण बोहरा, सचिव श्रीमती राधिका झा, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक ग्राम्या-2 श्रीमती नीन ग्रेवाल, मुख्य विकास अधिकारी देहरादून सुश्री निकिता खण्डेलवाल आदि उपस्थित थे।