पढें … रोजेदारों ने आखिर क्यों लगाए हिंदुस्तान जिंदाबाद और अमेरिका-इजराईल मुर्दाबाद के नारे

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देहरादून। इंटरनेशनल कुद्स डे के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोगों का प्रदर्शन। अंजुमन मईनुल मोमिनीन की तरफ से किया गया विरोध प्रदर्शन। जवान, बुजुर्ग और बच्चों ने लिया विरोध प्रदर्शन में हिस्सा। राजधानी देहरादून के गांधी पार्क में सैंकड़ों रोजेदारों ने किया विरोध प्रदर्शन। हिंदुस्तान जिंदाबाद और अमेरिका-इजराईल मुर्दाबाद के लगे नारे। रमजान के आखिरी जुमे को पूरी दुनिया में मनाया जाता है कुद्स डे। इजराईल द्वारा फिलिस्तीन में हो रहे जुल्म के खिलाफ इस दिन होता है विरोध प्रदर्शन।
बता दें माह-ए-रमजान का आखिरी जुमा ना सिर्फ मुसलमानों के लिये खास है बल्कि इंसानियत के लिये भी यह दिन बेहद खास है। पूरी दुनिया के मुस्लिम मुमालिक इस दिन को ‘इंटरनेशल कुद्स डे’ के रूप में मनाते हैं जिसके मद्देनजर अमेरिका और खासतौर पर इजराईल के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन किया जाता है। फिलिस्तीन के हालातों को कम वक्त और कम अल्फाजों में बयां नहीं किया जा सकता। ये जगजाहिर है कि इजराईल ने फिलिस्तीन पर पिछले कुछ बरसों से हवाई हमले और ज्यादा कर दिये हैं इजराईल की इस करतूत की वजह से फिलिस्तीन का ना सिर्फ भौगोलिक ढांचा खराब हुआ है बल्कि इजराईल ने मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शा जिसकी वजह से दुनिया भर में आज इंसानियत को शर्मिंदा होना पड़ा है।
बता दें कि फिलिस्तीन की हिमायत के लिय हिंदुस्तान , ईरान , इराक , लेबनान और बहरीन जैसे लगभग 40 देशों में इंटरनेशनल कुद्स डे मनाया जाता है जिसमें मुस्लिम समुदायों के लोग शांतिपूर्वक ढंग से जुल्मों सितम के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हैं । आपको मालूम हो एक लम्बे वक्त से यरूशलम को लेकर इजराईल और मुस्लिम मुल्कों के बीच तकरार है जबकि अमेरिका ने येरूशलम को इजराईल की राजधानी घोषित कर दिया है जबकि इस्लाम के जानकारों की मानें तो येरुशलम या फिर बैतुल मुकद्दस पर मुसलमानों को एकाधिकार होना चाहिये जबकि ईसाई समुदायों के लोग इस पर उनका हक होने का दावा करते हैं । साथ ही आपको बता दें अंजुमन मोईनुल मोमिनीन से जुड़े सदस्यों ने भारत सरकार से भी आग्रह किया है कि भारत सरकार फिलिस्तीन पर हो रहे जुल्मों सितम के खिलाफ एक बेहतर किरदार निभाये और फिलिस्तीन को बर्बाद होने से बचाये।
इस्लाम के जानकार मौलाना शहंशाह हैदर, समर अब्बास नकवी मीडिया प्रभारी अंजुमन मोईनुल मोमिनीन और एम.एच. जैदी, अध्यक्ष, अंजुमन मोईनुल मोमिनीन का कहना है रमजान के इस पवित्र महीने में भी इजराईल का फिलिस्तीनियों पर जुल्म ढाना इस बात का सबूत है कि इजराईली हुकूमत ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है। ये बात भी 16 फीसदी सच है कि दुनिया में अगर सबसे बड़ा कोई मजहब है तो वो है इंसानियत का मजहब लिहाजा जब भी किसी पर जुल्म हो सबको जुल्म के खिलाफ आवाज उठानी चाहिये ताकि इंसानियत शर्मसार ना होने पाये।