उत्तराखण्ड के इस जिले में भी है बाबा बर्फानी धाम, दर्शन करने आते हैं हजारों श्रद्धालु

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वैसे बाबा बर्फानी धाम श्रीनगर से 135  किलोमीटर दूर समुद्र तल से 14 हज़ार फीट की ऊँचाई में है, लेकिन आज हम आपको उत्तराखंड के बाबा बर्फानी से भी मुखातिब कराते है । ये सच है उत्तराखंड के चमोली जिले में भी ऐसा ही एक बर्फ के आकार का शिवलिंग है जिसको देखने देश-विदेश से हजारों संख्या में लोग आते हैं।
चमोली जिले में भारत चीन बॉर्डर के पास स्थित देश के अंतिम गांव नीती के टिम्मरसैंण 6 फुट ऊंची बर्फ प्राकृतिक शिवलिंग का आकार ले चुकी है। लॉक डाउन के कारण इस बार पर्यटक दर्शन करने यहां आ नही पाएंगे। लेकिन स्थानीय लोग लगातार यहां पंहुचकर बाबा बर्फानी के दर्शन करने आ रहे है।
बताया जाता है कि गांव के पास स्थित इस गुफा में हर साल 15 मार्च के बाद बर्फ कई शिवलिंग में तब्दील हो जाती हैं। मई के पहले हफ्ते से मौसम में गर्माहट के कारण इनके आकड़े,दो या तीन तक रह जाते है। इस साल पहाड़ो में बर्फबारी जमकर हुई है इसलिए गुफा 3से 4 शिवलिंग मौजूद है। उनमें से एक बर्फ शिवलिंग के आकार में तब्दील हो गई है। खास बात यह है इसके कई जगह पर नीले आव भी दिखते है।
बता दे नीती घाटी के लोगों ने स्थानीय स्तर पर एक समिति गठित की थी। जिसने टिम्मरसैंण महादेव के लिए यात्रा शुरूवात कराई थी। इसके बाद यहाँ हज़ारो की संख्या में देश विदेश से लोग पहुँचे । इस बार शिवलिंग तक जाने का रास्ता बिल्कुल साफ है। इस साल मंदिर समिति इस यात्रा को भव्य बनाने वाली थी लेकिन लॉक डाउन के कारण ऐसा हो नही सका।
भारत-चीन सीमा का अंतिम गांव जोशीमठ से करीब 82 किलोमीटर दूर है। गांव पहुँचने के1किलोमीटर पहले मुख्य मार्ग से 700 मीटर दूर  टिम्मरसैंण जगह जहाँ ये गुफ है । इस गुफा में जाते ही पहाड़ियों से आ रहे पानी से लोगों का स्नान हो जाता है।

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