अल्मोड़ा : State and central government: राजकीय कर्मचारी घोषित किए जाने समेत 11 सूत्रीय मांगों के निराकरण की मांग को लेकर आशाकार्यकर्ता शुक्रवार को भी कार्यबहिष्कार पर डटी रहीं। उन्होंने स्थानीय गांधी पार्क पर धरना दिया। सभा कर सरकार के हठधर्मिता की कड़ी निंदा की। कहा कि यदि जल्द समस्या के समाधान को कारगर उपाय नहीं किए गए तो कार्यकर्ता प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर आंदोलन तेज करने को बाध्य होंगे। स्पष्ट किया कि हितों की अनदेखी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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आशा कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में धरना दिया। साथ ही अब तक समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर राज्य व केंद्र सरकार (State and central government) के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कहा कि आशा कार्यकर्ता पिछले एक साल से भी अधिक समय से कोरोनाकाल में ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में पूरे मनोयोग से अपने कार्य में जुटी हैं। इसके बाद भी उन्हें कोविड ड्यूटी के दौरान तय मासिक भत्ते का भुगतान तक नहीं हो पाया है। धरने मीना देवी, ममता तिवारी, पुष्पा कनवाल, प्रभा नेगी, तारा चौहान, जानकी मिश्रा, अंजना आर्या, दीपा भंडारी, कौशल्या नेगी, गीता जोशी, इंद्रा भंडारी, ममता आर्या, जानकी कांडपाल, पुष्पा कनवाल, अनीता बिष्ट, तुलसी देवी, हेमा गुरुरानी आदि मौजूद रहे।
रानीखेत
यहां भी आशाएं कार्यबहिष्कार पर डटीं रही। उन्होंने नागरिक अस्पताल में धरना देकर सरकार पर हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। कुसुमलता जोशी, शांति रावत, नंदी खाती, शोभा पंत, मीना आर्या आदि मौजूद रहे।
द्वाराहाट
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा कार्यकर्ता ने धरना दिया। अब तक समस्याओं का निदान नहीं किए जाने पर आक्रोश जताया। धरने पर गंगा जोशी, चंपा अधिकारी,लीला बिष्ट, बीना देवी आदि बैठे। प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया।
भिकियासैंण
कोविड ड्यूटी के दौरान तय मासिक भत्ते का भुगतान करने समेत अन्य मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में धरना दिया दिया। धरने पर अनीता नेगी, किरन, सरस्वती, हंसी असनोड़ा, निर्मला भंडारी आदि बैठीं।