इंजीनियरिंग कालेज में दो दिवसीय आउट कम बेस्ड एजुकेशन कार्यशाला का समापन हो गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए निदेशक डा. आरके सिंह ने कहा कि संस्थान के छात्र-छात्राओं को तकनीकी ज्ञान से दक्ष करने के लिए देश के विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों के विषय विशेषज्ञों के माध्यम से शिक्षकों को कई तकनीकी बिन्दुओं पर तैयार किया जा रहा है।
भोपाल एमएनआइटी संस्थान से पहुंचे डा. विलास वारूडेकर ने शिक्षकों को बताया कि चार वर्षीय ग्रेजुएशन ले रहे छात्र-छात्राओं को किस तरह से हर सेमेस्टर में सफलता प्राप्त हो सकती है। उन्होंने प्रजेंटेशन आदि के माध्यम छात्र-छात्राओं के हितों को ध्यान में रखने के टिप्स दिए। भोपाल से पहुंचे प्रो. नीमा ने छात्रों की तकनीकी गुणवत्ता के आंकलन से संबंधित कार्यों को प्रयोगों के माध्यम से शिक्षकों को बताया।
छात्र-छात्राओं को दी पांडुलिपि संरक्षण की जानकारी
अल्मोड़ा में सोबन सिंह जीना परिसर के इतिहास विभाग में क्षेत्रीय अभिलेखागार कार्यालय नैनीताल की टीम ने एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमें एमए एवं शोध छात्र-छात्राओं को ‘पांडुलिपि संरक्षण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। अभिलेखागार कार्यालय के अधिकारी अजय कुमार के निर्देशन में शुक्रवार को लगाई गई कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक नरेश कुमार ने पांडुलिपि संरक्षण के लिए वैज्ञानिक तकनीकी का विस्तृत प्रशिक्षण दिया।
अभिलेख अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि अभिलेखागार के प्रमुख कार्य स्थानांतरित अभिलेखों का वैज्ञानिक संरक्षण, शोध छात्रों को सुविधा देना, शासन को सूचनाएं उपलब्ध कराना आदि है। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. संजय कुमार टम्टा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि अभिलेख राष्ट्र की अमूल्य सांस्कृतिक निधि हैं। इनका समुचित संरक्षण राष्ट्र का महान कर्तव्य है। प्रो. अनिल कुमार जोशी ने क्षेत्रीय अभिलेखागार अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार जताया। कार्यशाला को प्रो. दया पंत, प्रो. वीडीएस नेगी, इंदु रावत, डॉ. सीपी फुलोरिया ने भी संबोधित किया। अंत में अभिलेख अधिकारी ने प्रतिभागियों को प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस मौके पर मनोज जखमोला, समर साह, आरसी द्विवेदी, विरेंद्र, पीतांबर आदि मौजूद रहे।